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विधायक आजम खान चले थे पॉलिश कराने, अब उसी IAS अफसर की शिकायत पर फंसे; अभी 92 मामलों में फैसला आना बाकी, पढ़ें पूरा किस्सा | ऑनलाइन बुलेटिन

लखनऊ | [उत्तर प्रदेश बुलेटिन] | नेताओं और अफसरों के पंगे कई बार देखने को मिलते हैं; लेकिन कुछ पंगे ऐसे होते हैं, जो नेताओं की सियासत की जड़ में मठ्ठे का काम करते हैं। आजम खान इन दिनों कुछ ऐसे ही अनुभव से गुजर रहे हैं। साल 2019 में हेट स्पीच के मामले में आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई गई है। साल 2019 में आजम पर दर्ज हुए मुकदमों की संख्या 93 थी। अभी सिर्फ एक मामले में फैसला आया है। इस तरह देखा जाए तो अभी 92 केसेज में फैसला आना बाकी है।

 

अगर यह सजा कायम रही तो फिर आजम खान की विधायकी जानी तय है। वहीं, उम्र के इस पड़ाव पर आजम खान के लिए यह एक बड़ा झटका होगा, यह भी तय है। वैसे तो यह सजा हेट स्पीच के लिए दी गई है, लेकिन इसकी कहानी इतनी आसान भी नहीं है।

 

इस कहानी का एक अहम किरदार है वह आईएएस ऑफिसर आंजनेय कुमार सिंह, जिसकी आजम खान ने कभी जमकर लानत- मलानत की थी। यहां तक कि आजम ने उस आईएएस से अपने जूते तक साफ कराने की बात कह डाली थी। इस आईएएस का नाम है आंजनेय कुमार। फिलहाल वह मुरादाबाद के मंडलायुक्त हैं। आइए जानते हैं पूरा किस्सा…

 

ऐसा है पूरा मामला

 

इस पूरे वाकए को समझने के लिए आपको चलना होगा साल 2019 में। देश में लोकसभा के चुनाव चल रहे थे। रामपुर में डीएम (कलेक्टर) थे आंजनेय कुमार सिंह। आजम खान की तूती बोलती थी। आलम यह था कि आजम के सामने बोलने की हिम्मत अफसर नहीं जुटा पाते थे।

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लोकसभा चुनाव के दौरान कलेक्टर आंजनेय जिला निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में थे। इस दौरान आजम खान लगातार उनके ऊपर निशाना साध रहे थे। अफसरों पर हमला बोलते- बोलते आजम शब्दों की मर्यादा तक लांघ गए थे।

 

जूते साफ कराने तक की कह डाली थी बात

 

आजम खान ने इस दौरान कलेक्टर से जूते साफ कराने तक की बात भी कह डाली थी। वहीं, कलेक्टर आंजनेय, आजम खान के बयानों पर कानूनी शिकंजा कसते जा रहे थे। एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होते गए। आजम खान के बयान किस कदर अपमानजनक थे, इसका अंदाजा उस एफआईआर से लगाया जा सकता है, जिस केस में उन्हें सजा सुनाई गई है।

 

एफआईआर के मुताबिक आजम ने कहा था कि कलेक्टर अंधा हो गया है। इन जैसे कितने कलेक्टर ने मेरे ऑफिस में खड़े-खड़े पेशाब कर दिया है। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही आजम के खिलाफ कई केसेज दर्ज किए गए। आईएएस आंजनेय का कहना है कि हमने पूरी तरह से निष्पक्ष चुनाव कराया था। प्रशासन के आरोप कोर्ट में सही साबित हुए।

 

अभी तो 92 मुकदमों में फैसला बाकी

 

2019 में आजम पर दर्ज हुए मुकदमों की संख्या 93 थी। अभी सिर्फ एक मामले में फैसला आया है। इस तरह देखा जाए तो अभी 92 केसेज में फैसला आना बाकी है। यह तो हो गई केवल आजम खान की बात। आजम फैमिली के लिए मुसीबतें यहीं खत्म नहीं होने वाली।

 

आजम के अलावा उनकी पत्नी पूर्व एमपी तजीन फात्मा के खिलाफ 34, एमएलए बेटे अब्दुल्ला आजम पर 46 और बड़े बेटे अदीब पर 32 मुकदमे हैं। आजम की बहन निकहत पर भी 30 मुकदमे हैं।

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इस मुकदमेबाजी में परिवार को काफी समय जेल में गुजारना पड़ा है। पत्नी 10 महीने, बेटा 23 महीना जेल में रहे। वहीं आजम भी लंबे अरसे जेल में रहे हैं।

 

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