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लता मंगेशकर की स्मृति में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी आयोजित l ऑनलाइन बुलेटिन

गुड़गांव l (हरियाणा बुलेटिन) l साहित्य एवम समाज को समर्पित परिवार द्वारा इस निराशा भरे माहौल में आशा का दीप जलाने हेतु ऑनलाइन काव्य तथा गीत-संगीत गोष्ठियों का अनवरत क्रम ज़ारी है। इसी क्रम में लता मंगेशकर को समर्पित एक सन्ध्या “मेरी आवाज ही पहचान है ” आयोजित की गई।

 

इस कार्यक्रम में भारत के साथ ही प्रवासी भारतीय कवियों द्वारा अपने-अपने घरों से ही मोबाइल व कम्प्यूटर के माध्यम से लता के गाए गीतों को प्रस्तुत करके, य़ह संध्या उत्साह एवम सफलतापूर्वक आयोजित की गई। सभी साहित्यकारों द्वारा विभिन्न रसों से भरपूर गीतों का पाठ किया गया।

 

समारोह में श्रीमती प्रमिला भारती, लक्ष्मी शंकर बाजपेई, श्रीमती ममता “किरण”, श्रीमती करुणा श्रीवास्तव, श्रीमती विजया ठाकुर, डॉ माला कपूर “गौहर”, केके सक्सेना, डॉ आदेश सक्सेना, डॉ ललित मोहन सक्सेना ने एक से बढ़कर एक सुन्दर गीत प्रस्तुत किए।

 

कार्यक्रम का फेसबुक पेज पर सीधा प्रसारण भी किया गया। कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण से जुड़कर उत्साहवर्द्धन करने वाले मित्रों के नाम इस प्रकार हैं- रवि यादव, विनीता टण्डन यादव, दुर्गा सिन्हा, अनीस अहमद, दमयन्ती शर्मा, परिणीता सिन्हा, शारदा मित्तल, राश दादा राश, स्नेहा बिष्ट, गणेश दत्त बजाज, राम जन्म प्रसाद गुप्ता, अनिल चौबे, ब्रह्म देव शर्मा, माथुर, सविता चड्ढा, के के सक्सेना, अन्नदा पाटनी, राशि धीमान, बबिता गर्ग, दिनेश माथुर, मोहिनी पांडे, उर्वशी, हरगोविंद झांब, रश्मि छिकारा, सुश्रुत पंत ज़र्रा, पिलकेन्द्र अरोड़ा, रजनी श्रीवास्तव, दिनेश पाठक, ए के श्रीवास्तव, लक्ष्मी नारायण गौरव, आरिफ सैफ़ी देहलवी, मोहन दुबे, अमूल चौधरी, वीना श्रीवास्तव, प्रह्लाद सिंह, अन्विता नवल, सुनील श्रीवास्तव, प्रियवंदिनी तिवारी, अशोक छाबड़ा, मीना सदाना अरोड़ा, अशोक गुप्ता, शशि, अनिता श्रीवास्तव, ज्योति, वन्दना रानी, सतीश अकेल, गुरदीन वर्मा, अरुण पासवान, हरि प्रकाश, विकास मिश्र सागर, जावेद अब्बासी, सुनीता बंसल, सोनी सुगंधा, सारिका फलोर, गणेश प्रसाद गौतम,इन्दु मिश्र किरण,बृजवासी बन्धु,उमेश अग्निहोत्री,हरिंदर भारद्वाज ,नवीन सूरी ,उदय वीर सिंह ,कंचन लता पांडे ,गुज्जुल ,लक्ष्मी प्रसाद बडोनी ,प्रतिभा पांडे ,सरिता सुराणा ,ज्योति रावत ,कृष्ण भारतीय ,बिन्नी आनन्द ,सुमन माहेश्वरी , सविता मित्तल ,वीना गुप्ता ,प्रेम करेला ,अरुणा मेहता ,शकुन मित्तल ,अपूर्व माधव झा ,निशि तलवार ,आलोक गुप्ता ,ब्रह्म देव शर्मा , कमलेश कुमार दीवान ,मीनाक्षी दिनेश कुमार ,नलिनी भार्गव ,गीता शर्मा , आर जे योगी , सुशील साहिल , गुलशन मल्होत्रा, रिचा यादव, शशिकांत श्रीवास्तव , अशोक गुप्ता , पुष्प धनवा , संजय साह , आशा पंडित तथा सुनील सक्सेना ।

 

ज्ञात हो कि 15 अगस्त’2021 से “फेसबुक पेज पर होने वाले सीधे प्रसारण से जुड़ने वाले मित्रों में से, कुछ मित्रों को भी (उसी कार्यक्रम में) रचना पढ़ने हेतु आमंत्रित करने की योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत इस गोष्ठी में राजस्थान से गुरुदीन वर्मा आजाद ने “मेहमान कलाकार” के रूप में उपस्थित होकर अपना काव्यपाठ प्रस्तुत किया। उन्हें बहुत बहुत बधाइयाँ एवम शुभकामनाएं!!!

 

गोष्ठी का संचालन लता के गीतों की पंक्तियों द्वारा, परम्परा परिवार के संस्थापक राजेन्द्र निगम “राज” तथा संयोजिका इन्दु “राज” निगम द्वारा किया गया। अन्त में बाजपेयी ने अपने वक्तव्य में लता के व्यक्तित्व तथा हिन्दी की महत्ता और उपयोगिता पर प्रकाश डाला और कहा कि महामारी के इस दौर में भी समाज में साहित्य की अलख जगाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और विशेषकर प्रवासी भारतीयों को एक साथ जोडक़र, उनके साहित्य प्रेम को उजागर करने का अति उत्तम व महत्वपूर्ण कार्य भी कर रहा है।

 

उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को कोरोना से बचने हेतु सभी नियमों तथा सावधानियों का पालन करना चाहिए। यदि आवश्यक न हो तो घर से बाहर न निकलें एवम सदा मास्क का प्रयोग करें।


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