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पापा हैं जज के ड्राइवर, बिटिया फर्स्ट अटेम्प्ट में बनी सिविल जज, मध्य प्रदेश की वंशिता ने किया कमाल | ऑनलाइन बुलेटिन

भोपाल | [मध्य प्रदेश बुलेटिन] | कक्षा 10 में आने से पहले वंशिता पायलट बनना चाहती थीं लेकिन एक बार वह पिता के साथ अदालत गईं तो उनका विचार अचानक बदल गया और उन्होंने ठान लिया कि उन्हें अब न्यायाधीश ही बनना है। इसके बाद वंशिता ने अपने सपनों को जीना शुरू कर दिया और आज उन्होंने उसे पूरा भी कर दिखाया।

 

कहते हैं अगर इंसान मेहनत करे तो अपनी तकदीर खुद संवार सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिया है मध्य प्रदेश के इंदौर की 25 वर्षीय वंशिता ने। वंशिता ने पहले ही प्रयास में सिविल जज की परीक्षा पास कर ली है। दिलचस्प बात यह है कि वंशिता के पिता मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक जज की कार चलाते हैं। ऐसे में वंशिता की सफलता पूरे परिवार के लिए गर्व का विषय बन गई है। वंशिता सिविल जज वर्ग-दो भर्ती परीक्षा में इस पद के लिए चयनित हुई है।

 

पिता बोले-बेटी पर गर्व है

 

नीमच जिले के जावद कस्बे के एक न्यायाधीश की कार चलाने वाले अरविंद कुमार गुप्ता ने गुरुवार को अपनी बिटिया सफलता पर खुशी जताई। अरविंद गुप्ता ने बताया कि मैं बेहद खुश हूं कि मेरी बेटी वंशिता अपने पहले ही प्रयास में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो के पद के लिए चुनी गई है। मुझे मेरी बेटी पर गर्व है। न्यायाधीश के कार चालक के रूप में 20 साल से काम कर रहे अरविंद गुप्ता ने बताया कि उनकी बेटी ने जयपुर के एक महाविद्यालय में कानून की पढ़ाई की। इसके बाद इंदौर के एक कोचिंग संस्थान में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो भर्ती परीक्षा की तैयारी की।

 

पिता के साथ कोर्ट जाने के बाद मिली प्रेरणा

 

इस भर्ती परीक्षा के कामयाब उम्मीदवारों में शामिल वंशिता ने कहा कि मेरे पिता के पेशे के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। उन्होंने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि कक्षा 10 में आने से पहले वह पायलट बनना चाहती थीं लेकिन जब वह एक बार उनके पिता के साथ अदालत गईं तो उनका विचार अचानक बदल गया और उन्होंने ठान लिया कि उन्हें अब न्यायाधीश ही बनना है। इसके बाद वंशिता ने अपने सपनों को जीना शुरू कर दिया और आज उन्होंने उसे पूरा भी कर दिखाया।

 

 


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