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लोगों को शीर्ष अदालत से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो वे कहां जाएंगे? बिलकिस बानो मामले में दिल्ली महिला आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | डीसीडब्ल्यू (दिल्ली महिला आयोग) की प्रमुख स्वाति मालीवाल को बिलकिस बानो की पुनरीक्षण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शनिवार को सवाल किया कि यदि लोगों को शीर्ष अदालत से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो वे कहां जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से उसके पूर्व के आदेश की समीक्षा किए जाने का अनुरोध किया गया था। 

 

बिलकिस बानो 2002 में गुजरात में भड़के दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई थीं। उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त दुष्कर्म हुआ वो 5 माह की गर्भवती थी।

 

इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म मामले के 11 दोषियों की सजा माफ करने की याचिका पर गुजरात भाजपा सरकार से विचार करने को कहा था। मालीवाल ने ट्वीट कर कहा- सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की याचिका खारिज कर दी।

 

बिलकिस बानो के साथ 21 साल की उम्र में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उनके 3 साल के बेटे और परिवार के 6 अन्य लोगों का कत्ल कर दिया गया था, लेकिन गुजरात भाजपा सरकार ने सभी दुष्कर्मियों को आजाद कर दिया। अगर सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो लोग कहां जाएंगे?

 

प्रक्रिया के अनुसार, शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर फैसला संबंधित फैसला देने वाले न्यायाधीश अपने कक्ष में करते हैं। कक्ष में विचार करने के लिए यह याचिका 13 दिसंबर को न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ के समक्ष आई थी।

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सुप्रीम कोर्ट के सहायक पंजीयक ने बिलकिस बानो की वकील शोभा गुप्ता को भेजे संदेश में कहा है- मुझे आपको यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि उच्चतम न्यायालय में दायर उक्त पुनरीक्षण याचिका 13 दिसंबर 2022 को खारिज कर दी गई है।

 

बिलकिस बानो ने एक दोषी की याचिका पर सर्वोच्च अदालत की ओर से 13 मई को सुनाए गए आदेश की समीक्षा किए जाने का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार से नौ जुलाई 1992 की नीति के तहत दोषियों की समय से पूर्व रिहाई की मांग वाली याचिका पर दो महीने के भीतर विचार करने को कहा था। गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों की सजा माफ करते हुए उन्हें 15 अगस्त को रिहा कर दिया था।

 

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