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Post Matric Scholarship: 10वीं पास से पोस्ट ग्रेजुएट्स छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में बड़ा बदलाव, बढ़ने वाला है स्कॉलरशिप, जल्द करें आवेदन | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

नई दिल्ली | [डेस्क बुलेटिन] | Post Matric Scholarship: 10वीं पास से पोस्ट ग्रेजुएट जरूरतमंद उम्मीदवारों के लिए सरकारी छात्रवृति प्राप्त करने का मौका है। शुक्रवार को संसद में सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर स्थाई समिति ने एक रिपोर्ट पेश की है. (Post Matric Scholarship)

 

Online Bulletin Dot In इस रिपोर्ट के अनुसार अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक और अन्य स्कॉलरशिप का लाभ उठाने की इजाजत देने के लिए आयु सीमा बढ़ाने की सिफारिश की गई है. इसमें महंगाई को ध्यान में रखते हुए स्कॉलरशिप की राशि में बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है. (Post Matric Scholarship)

 

अगर सरकार इस सिफारिश को मान लेती है तो उस कॉलरशिप की राशि बढ़ाई जा सकती है. ऐसा होने पर देश भर के लाखों विद्यार्थियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. (Post Matric Scholarship)

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ उठाने के लिए 2.5 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा कई जरूरतमंद छात्रों के लिए एक गंभीर बाधा बन गई है. इसमें कहा गया कि समिति का मानना है कि स्कॉलरशिप के लिए जो इनकम क्राइटेरिया है, उसे संशोधित किया जाना चाहिए. साथ ही स्कॉलरशिप की राशि के समय समय पर बदलाव के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया जाना चाहिए. (Post Matric Scholarship)

 

स्कॉलरशिप से वंचित रह जा रहे स्टूडेंट

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग 2019-20 और 2020-21 में एससी और ओबीसी के लिए ‘स्कॉलरशिप फॉर हायर एजुकेशन फॉर यंग अचीवर्स स्कीम’ (SHREYAS) के दायरे में आने वाली सभी चार योजनाओं पर बजटीय आवंटन का पैसा खर्च कर पाया. (Post Matric Scholarship)

 

हालांकि, 2021-22 में, विभाग तीन योजनाओं के तहत पैसा खर्च करने में पिछड़ गया. इन योजनाओं में ‘एससी और ओबीसी के लिए फ्री कोचिंग’, ‘अनुसूचित जातियों के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा’; और ‘एससी के लिए राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति’ शामिल है. (Post Matric Scholarship)

 

इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘स्कॉलरशिप के ठीक ढंग से इस्तेमाल नहीं होने से इन स्कॉलरशिप स्कीम के माध्यम से विभाग द्वारा प्रदान किए गए शिक्षा के अवसरों के समाज के हाशिए वाले वर्गों से संबंधित छात्र वंचित रह जा रहे हैं.’ (Post Matric Scholarship)

 

पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप का ये है हाल

 

पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप को केंद्र और राज्य द्वारा संयुक्त रूप से 60:40 के अनुपात में फंड किया जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-21 में चंडीगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, गोवा, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर को स्कॉलरशिप का केंद्रीय हिस्सा जारी नहीं किया गया, जबकि बिहार, दिल्ली और हरियाणा ने इस साल के लिए अपना हिस्सा जारी नहीं किया. (Post Matric Scholarship)

 

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