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SAHRA INDIA: नए आदेश ने कंपनी को दिया बड़ा झटका, निवेशक जरुर देखें यह आदेश…सहारा इंडिया के लिए एक बार फिर बढ़ी मुश्किलें | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | Sahara India: The new order gave a big blow to the company, investors must see this order… difficulties have increased once again for Sahara India: जितने भी लोगों ने सहारा इंडिया की निवेश किया था उनमें से अधिकतर को अभी अपने पैसे नहीं मिले हैं. (Sahara India)

 

Online bulletin dot in, सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है. बाजार नियामक सेबी ने ओएफसीडी जारी करने में नियामकीय मानकों के उल्लंघन के मामले में सहारा समूह की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय एवं अन्य अधिकारियों से 6.42 करोड़ रुपये की वसूली के लिए उनके बैंक एवं डीमैट खाते कुर्क करने का सोमवार को आदेश दिया. (Sahara India)

 

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने आदेश में कहा कि वैकल्पिक पूर्ण-परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने में सहारा समूह से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. उनसे जुर्माना और ब्याज समेत सभी मदों में कुल 6.42 करोड़ रुपये की वसूली होनी है. (Sahara India)

 

कुर्की का आदेश सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव के खिलाफ दिया गया है. (Sahara India)

 

14 साल पुराना है मामला

 

सेबी द्वारा कुर्की का यह आदेश सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव के खिलाफ दिया गया है. (Sahara India)

 

सेबी ने अपने नोटिस में सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे इनमें से किसी के भी डीमैट खातों से निकासी की मंजूरी न दें. (Sahara India)

 

हालांकि, इन लोगों को अपने खातों में जमा करने की छूट होगी. इसके अलावा सेबी ने सभी बैंकों को इन चूककर्ताओं के खातों के अलावा लॉकर को भी कुर्क करने को कहा है. (Sahara India)

 

सेबी ने गत जून में जारी अपने आदेश में सहारा समूह की फर्म और उसके चार प्रमुख अधिकारियों पर कुल 6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. (Sahara India)

 

रकम नहीं चुकाने पर कार्रवाई के आदेश

 

यह जुर्माना सहारा की तरफ से 2008-09 में ओएफसीडी जारी कर निवेशकों से पैसे जुटाने के मामले में लगाया गया था. सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने ये डिबेंचर जारी किए थे. (Sahara India)

 

सेबी के अनुसार, डिबेंचर जारी करने में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं का पालन नहीं हुआ था. (Sahara India)

 

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