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तमिलनाडु सरकार ने HC को बताया; राजीव गांधी की हत्या करने वाली नलिनी श्रीहरन को मिली एक महीने की पैरोल l ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली l ऑनलाइन बुलेटिन l भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन को तमिलनाडु सरकार ने उसकी बीमार मां के अनुरोध पर एक महीने की पैरोल दी है। सभी दोषियों को टाडा अदालत ने 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की हत्या में उनकी भूमिका के लिए दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई थी। बाद में मौत की सजा को आजीवन कारावास बना दिया गया। तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को मद्रास उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी है।

 

तमिलनाडु सरकार ने पिछले साल फरवरी में मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि राज्य ने राज्यपाल को राजीव गांधी हत्याकांड के सभी 7 दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी। आपको यह भी बता दें कि राजीव गांधी की हत्या के लिए नलिनी दो दशकों से अधिक समय से आजीवन कारावास की सजा काट रही है।

 

नलिनी के अलावा मामले में दोषी ठहराए गए अन्य लोगों में उनके पति मुरुगन, सुथिनथिरा राजा उर्फ संथान, एजी पेरारीवलन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन शामिल हैं। दोषियों में से चार- श्रीहरन, संथान, रॉबर्ट पायस और जयकुमार श्रीलंका के नागरिक हैं।

 

नलिनी ने पिछले साल अपने एक सह-कैदी के साथ कथित रूप से खुद को मारने की धमकी दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था, ”नलिनी और एक अन्य दोषी को वेल्लोर में महिलाओं के स्पेशल सेल में रखा गया है। आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी ने जेलर से इस बारे में शिकायत की।”

 

सभी दोषियों को टाडा अदालत ने 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की हत्या में उनकी भूमिका के लिए दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई थी। बाद में मौत की सजा को आजीवन कारावास बना दिया गया।

 

आपको बता दें कि राजीव गांधी की एलटीटीई के आत्मघाती हमलावर ने चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी थी।


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