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किसानों की ये दो मांगें मान गई सरकार : पराली जलाना जुर्म नहीं, बिजली बिल भी वापस | newsforum

नई दिल्ली | कृषि कानूनों के विरोध में महिला, पुरुष, बुजुर्ग व छोटे-छोटे बच्चों को लेकर दिल्ली की सर्द रात और दिन में धरना-आंदोलन कर रहे किसान संगठन से और केंद्र सरकार के बीच बुधवार 30 दिसंबर 2020 को बैठक हुई। बैठक से अच्छी खबर ये आई कि केंद्र सरकार ने किसानों के 4 में से 2 मांगों को मान लिया है। 7 वें दौर की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पर्यावरण अध्यादेश पर रजामंदी हो गई है। ऐसे में अब पराली जलाना जुर्म नहीं है। साथ ही बिजली बिल का मसला भी सुलझ गया है।

 

जिन दो मुद्दों पर रजामंदी नहीं हुई है वो तीनों कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी है। इन दोनों मुद्दों पर 4 जनवरी 2021 को फिर बातचीत होगी। तब तक किसानों को आंदोलन जारी रहेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पहले की तरह इस बार भी बातचीत का वातावरण अच्छा रहा। बैठक में लगभग 50 फीसदी मसलों पर सहमति बन गई है।

4 में से 2 प्रस्तावों पर बनी सहमति

 

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों ने 4 प्रस्ताव रखे थे, जिसमें 2 पर सहमति बन गई है। एमएसपी पर कानून को लेकर चर्चा जारी है। एमएसपी जारी रहेगी। हम एमएसपी पर लिखित आश्वसन देने के लिए तैयार हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए सम्मान और संवेदना है। आशा है कि किसान और सरकार में सहमति बनेगी।

 

बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को घर भेज दें

 

कृषि मंत्री ने कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं के बारे में कहा कि वे आंदोलनकारियों से अनुरोध करते हैं कि बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को घर भेज दें। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में सर्द मौसम को देखते हुए मैंने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को घर भेजने का अनुरोध किया है।’

 

टिकैत बोले- जारी रहेगा आंदोलन

 

बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारी दो मांगों को मान लिया है। आज बातचीत अच्छी रही, अब 4 जनवरी को अगली वार्ता होगी। शांतिपूर्ण ढंग से किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।

 

बैठक सकारात्मक रही

 

वहीं, अखिल भारतीय किसान सभा के पंजाब अध्यक्ष बलकारन सिंह बराड़ ने कहा कि आज की बैठक सकारात्मक रही। सरकार लगातार कहती रही है कि हमें आंदोलन को खत्म कर देना चाहिए और एक समिति बनानी चाहिए, लेकिन हमने उनकी बात नहीं मानी। हम अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे। हम कोई समिति नहीं बनाएंगे। अब हम अगली बैठक में एमएसपी पर चर्चा करेंगे।


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