पत्रकारों से ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ मांगे जाने का आदेश लिया गया वापस, पुलिस ने कहा- असुविधा के लिए खेद है | ऑनलाइन बुलेटिन

शिमला | [हिमाचल प्रदेश बुलेटिन] | प्रदेश सरकार ने आलोचनाओं का सामना करने के बाद मंगलवार को अपने आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें पत्रकारों को ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ पेश करने के लिए कहा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को राज्य में प्रस्तावित रैली का कवरेज के लिए पत्रकारों को ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ पेश करने के लिए कहा गया था। प्रधानमंत्री हिमाचल दौरे के दौरान बिलासपुर में एम्स का उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे और कुल्लू के प्रसिद्ध दशहरा समारोह में भी भाग लेंगे।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने 5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के बिलासपुर जिले के दौरे की कवरेज करने वाले पत्रकारों से ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ पेश करने के आदेश की आलोचना की थी। बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक ने 29 सितंबर को यह आदेश जारी किया था। हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को ये आदेश वापस ले लिया।
असुविधा के लिए खेद है
विपक्षी दलों ने इस आदेश को भाजपा सरकार द्वारा लोकतंत्र पर हमला करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष नरेश चौहान और ‘आप’ के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने मंगलवार को राज्य सरकार से इस आदेश को तत्काल वापस लेने का आग्रह किया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने पुलिस अधीक्षक के आदेश को वापस ले लिया है। इसमें कहा गया, ”पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर द्वारा 29 सितंबर, 2022 को जारी निर्देश को पुलिस महानिदेशक ने वापस ले लिया है। इस संबंध में हुई किसी भी असुविधा के लिए खेद है।”
बयान में कहा गया, ”हिमाचल प्रदेश पुलिस 5 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री के प्रदेश दौरे के कवरेज के लिए सभी पत्रकारों का स्वागत करती है।” पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने पीटीआई से कहा, ”ये निर्देश अनजाने में मेरे कार्यालय द्वारा जारी किए गए थे। यह चूक मेरी ओर से है। पुलिस मुख्यालय या राज्य सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। पत्र वापस ले लिया गया है। सभी पत्रकारों का स्वागत है।”
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