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सुप्रीम कोर्ट ने बैन पर उठाया सवाल, केंद्र सरकार से पूछा- किन्नर क्यों नहीं कर सकते रक्तदान | newsforum

नई दिल्ली | ब्लड डोनर गाइडलाइंस 2017 की धारा 12 और 51 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और इससे जुड़े अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया। जिसमें ट्रांसजेंडर्स के रक्तदान करने पर लगाए प्रतिबंध को लेकर सवाल उठाए गए हैं।

File Photo

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने टी. संता सिंह द्वारा दायर की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र सरकार को यह नोटिस जारी किया है।

 

याचिकाकर्ता ने ब्लड डोनर गाइडलाइंस 2017 के दिशा-निर्देशों के मौजूदा नियमों को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का ध्यान इसकी ओर खींचा, जिसमें ट्रांसजेंडर को रक्त दान करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

 

इस पर सीजेआई बोबड़े ने कहा, “हम उत्तरदाताओं को नोटिस जारी कर रहे हैं और उनके जवाब का इतंजार करेंगे।”

 

सांता सिंह द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस जनहित याचिका में ब्लड डोनर दिशा-निर्देश 2017 की धारा 12 और 51 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। साथ ही साथ ही इस नियम पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।

 

CJI बोबड़े ने कहा कि यह चिकित्सा का मामला है। हम इन मुद्दों को नहीं समझते हैं। हालांकि केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी कर, इस मुद्दे में विस्तृत जवाब मांगा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रक्तदाता दिशा-निर्देशों को रोकने से इनकार कर दिया और कहा कि वह इस मुद्दे को समझे बिना आदेश पारित नहीं कर सकता है।


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