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आदमपुर उपचुनाव में जीत पक्की करेगा डेरा? मतदान से पहले जेल से बाहर आया राम रहीम, पैरोल पर उठ रहे सवाल | ऑनलाइन बुलेटिन

चंडीगढ़ | [हरियाणा बुलेटिन] | महिला अनुयायियों से बलात्कार व साजिश रचने के मामलों में हरियाणा की सुनारिया जेल में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की 40 दिन की पैरोल अर्जी स्वीकार कर ली गई है। यह कदम आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले उठाया गया है। आदमपुर में 3 नवंबर को उपचुनाव होने हैं।

 

इससे पहले, डेरा प्रमुख को जून में 1 महीने की पैरोल पर रिहा किया गया था और फरवरी में उसकी 3 सप्ताह की फर्लो मंजूर की गई थी।

 

राम रहीम डेरा के सिरसा स्थित अपने आश्रम में 2 महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल कारावास की सजा काट रहा है। उसे अगस्त 2017 में पंचकूला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था।

 

गुरमीत राम रहीम को 2002 में डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए भी पिछले साल 4 अन्य लोगों के साथ दोषी ठहराया गया था। डेरा प्रमुख और 3 अन्य लोगों को 2019 में 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के मामले में भी दोषी करार दिया गया था।

 

एसजीपीसी ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख से पैरोल पर उठाए सवाल

 

एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) ने शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 40 दिन की पैरोल देने पर आपत्ति जताते हुए राजनीतिक हथकंडा बताया है।

 

एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने एक बयान में आरोप लगाया कि गुरमीत राम रहीम पर विशेष दया दिखाई जा रही है, जबकि 3 दशक से जेलों में बंद सिखों को सजा पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में कैद किए गए सिख पैरोल से वंचित हैं।

 

धामी ने कहा, “यह… सरकारों के कामकाज पर सवाल खड़ा करता है। राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह की रणनीति देश के हित में नहीं है और सरकारों को सिख भावनाओं को आहत करने से बचना चाहिए।”

 

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