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जिला निर्वाचन समितियों ने प्रत्याशियों के लिए चाय, समोसे और अन्य खानपान पर खर्च की सीमा तय की

तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव के लिये 933 नामांकन पत्र स्वीकार

जिला निर्वाचन समितियों ने प्रत्याशियों के लिए चाय, समोसे और अन्य खानपान पर खर्च की सीमा तय की

उम्मीदवार प्रचार अभियान के लिए एक कप चाय और एक समोसे के लिए 15-15 रुपये खर्च कर सकते है

चेन्नई,
तमिलानाडु में आगामी लोक सभा चुनाव के पहले चरण के लिये प्रमुख राजनीति दलों के सभी प्रमुख उम्मीदवारों कुल 933 नामांकन पत्र दाखिल किये। इन नामांकन पत्रों को चुनाव आयोग ने जांच के बाद स्वीकार कर लिये हैं।
मीडिया रिपोर्ट ने शुक्रवार को बताया कि नामांकन पत्रों की जांच प्रक्रिया गुरुवार सुबह शुरू हुई और देर शाम तक चली। हालांकि, कुल कितने पत्रों को स्वीकार और अस्वीकार किया गया, यह बाद में पता चलेगा। इसी बीच, कुछ प्रमुख उम्मीदवारों द्वारा कुछ तकनीकी मुद्दों का हवाला देते हुए दाखिल किए गए नामांकन पर कुछ आपत्तियां उठाई गईं लेकिन बाद में उन्हें स्वीकार कर लिया गया। कुल 1,741 उम्मीदवारों में से 238 महिलाओं ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। इनमें से 933 उम्मीदवारों के नामांकन सही पाए गए। अब तक कुल 569 नामांकन खारिज किये गये।
रिपोर्ट के अनुसार, रामनाथपुरम लोकसभा क्षेत्र में, जहां निष्कासित अन्नाद्रमुक नेता ओ.पन्नीरसेल्वम चुनाव लड़ रहे हैं, उनके नाम पर पांच नामांकन स्वीकार किए गए हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। एक मौजूदा कांग्रेस विधायक के भाजपा में शामिल होने के बाद इस्तीफा देने के बाद खाली हुई विलावनकोड विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए दाखिल किए गए कुल 22 नामांकन में से 13 नामांकन स्वीकार कर लिए गए। शनिवार को नाम वापसी की आखिरी तारीख के बाद पता चलेगा कि कुल कितने उम्मीदवार हैं।
लोक सभा चुनावों में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन और अन्नाद्रमुक तथा भाजपा के नेतृत्व वाले मोर्चों के अलावा अभिनेता-निर्देशक सीमान के नाम तमिझार काची के बीच चतुष्कोणीय प्रतिस्पर्धा होने के आसार हैं।
उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव, 2021 के विधानसभा चुनाव, ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव तथा इरोड विधानसभा सीट पर उपचुनाव से लेकर पिछले पांच चुनाव हारने के बाद अन्नाद्रमुक ने पहले ही भाजपा के साथ अपना संबंध तोड़ लिया था।

जिला निर्वाचन समितियों ने प्रत्याशियों के लिए चाय, समोसे और अन्य खानपान पर खर्च की सीमा तय की

नई दिल्ली,
पंजाब के जालंधर में लोकसभा चुनाव में खड़े उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान और जनसभाओं के दौरान लोगों को जलपान कराने के लिए एक कप चाय और एक समोसे के लिए 15-15 रुपये खर्च कर सकते हैं।

हालांकि, मध्य प्रदेश के मंडला में प्रत्याशी एक कप चाय के लिए सात रुपये और एक समोसे के लिए 7.5 रुपये खर्च कर सकता है।

देश के विभिन्न राज्यों में नाश्ते की बात होती है तो चाय और समोसा का नाम सबसे पहले आता है।

लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न जिला निर्वाचन समितियां चुनाव खर्च पर निगरानी की प्रक्रिया के तहत व्यय के लिए दर तय कर रही हैं।

उम्मीदवारों को तय सीमा के भीतर ही खर्च करना होगा।

आंध्र प्रदेश समेत अधिकतर राज्यों में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार के लिए प्रचार संबंधी खर्च सीमा 95 लाख रुपये हैं। हालांकि, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और सिक्किम में यह सीमा थोड़ी कम, 75 लाख रुपये प्रति उम्मीदवार है।

इसी तरह केंद्रशासित प्रदेशों के लिए खर्च सीमा 75 लाख से 95 लाख रुपये के बीच निर्धारित है जो क्षेत्रों पर निर्भर करेगी।

जालंधर में छोले भटूरे की कीमत 40 रुपये प्लेट तय की गई है, जबकि मटन और चिकन की कीमत क्रमश: 250 और 500 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह उम्मीदवार मिठाइयों में डोड्डा पर 450 रुपये प्रति किलोग्राम और घी पिन्नी पर 300 रुपये प्रति किलोग्राम खर्च कर सकते हैं तो लस्सी और निम्बू पानी पर क्रमश 20 और 15 रुपये प्रति गिलास खर्च कर सकते हैं।

मूल्य तालिका के हिसाब से चाय की सबसे कम कीमत मध्य प्रदेश के बालाघाट में है जो पांच रुपये है, लेकिन यहां समोसे की कीमत 10 रुपये तय की गई है।

बालाघाट के रेट कार्ड में इडली, सांभर वड़ा और पोहा-जलेबी की कीमत 20 रुपये तय की गई है।

हिंसाग्रस्त मणिपुर के थौबल जिले में समोसा, कचोरी, खजूर की कीमत 10-10 रुपये निर्धारित है।

इस राज्य के तेंगनूपाल जिले में प्रत्याशियों को एक कप काली चाय पर पांच रुपये और दूध वाली चाय पर अधिकतम 10 रुपये खर्च करने होंगे।

गौतमबुद्ध नगर (नोएडा, ग्रेटर नोएडा) की मूल्य सूची को देखें तो यहां शाकाहारी थाली की कीमत 100 रुपये, एक समोसे या एक कप चाय की कीमत 10 रुपये, कचोरी की कीमत 15 रुपये, एक सैंडविच की कीमत 25 रुपये और एक किलोग्राम जलेबी की कीमत 90 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित की गई है।

इस मूल्य सूची में चुनाव प्रचार के लिए टाटा सफारी या स्कॉर्पियो से लेकर होंडा सिटी या सियाज और बस या नौका समेत अलग-अलग वाहनों के लिए अलग-अलग दर निर्धारित की गई है।

 

 

 


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