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दीपावली | ऑनलाइन बुलेटिन

©अरुणा अग्रवाल

परिचय- लोरमी, मुंगेली, छत्तीसगढ़.


 

त्योहारों का देश है भारत,

लिऐ पौराणिक गाथा,धन,

सभ्यता,संन्कृति का चमन,

कार्तिक माह है पावन,माही।।

 

करवा-चौथ,से शुरू,होता पर्व,

होई-अष्टमी,धनतेरश,छोटी,

दीवाली,दीपावली औ गोवर्धन,

गणेश,लक्ष्मी,कुबेरजी का पूजन।।

 

राली,मोली,स्वास्तिक,फूल,

पूजा,अर्चना,संग दीपमाल,

आरती-थाली सजाई, लाली,

आरती करें,माधुर्य-रस,आली।।

 

घर-आगंन,पूजास्थल,गृह,

विशेषतः सुसज्जित,मंडित,

साफ-सफाई का विशेष,ध्यान,

गिला,शिकवा भूल,सौहार्द्र-धन।।

 

 

पोथी,लाई,पतासा,तोरण,वंदन,

नानाविध पकवान बनातीं,ललना,

पहने नया परिधान,लोहित,हरित,

पूरा परिवार करें पूजा,दीप-थाल।।

 

प्रसादी बंटन,गले-मिलन,ईष्ट,

मित्र-मंड़ल,पड़ोसी,आगमन,

खाना,खजाना के लेते लुफ़्त,

“दीपावली”है श्रीराम के वापसी,

अयोध्या,आतिशबाज़ी से स्वागत।।

 

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