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स्किन को बचाने के लिए ये ब्यूटी टिप्स न अपनाएं

आज के समय में इंस्टाग्राम समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ब्यूटी ट्रेंड का अखाड़ा बन गया है जहां कई इंफ्लूएंसर बेदाग त्वचा पाने के अपने सीक्रेट नुस्खे और तरकीबें शेयर करते हैं. लेकिन, हर चमकती चीज सोना नहीं होती है, खासकर तब जब बात वायरल ब्यूटी टिप्स की हो जो दमकती त्वचा का वादा करती हैं, लेकिन बुरे परिणाम दे सकती हैं.

स्किन कैंसर दुनिया भर में सबसे आम प्रकार का कैंसर है. यह सीधे सूर्य के संपर्क में आने वाले स्किन पार्ट पर विकसित हो सकता है, लेकिन शरीर के उन हिस्सों पर भी हो सकता है जो सूरज की हानिकारक यूवी रेडिएशन (पराबैंगनी विकिरण) किरणों से बचे रहते हैं. शुरुआती स्टेज में स्किन कैंसर की पहचान न करना एक महत्वपूर्ण खतरा है, क्योंकि यह आसपास के टिशू या शरीर के अन्य पार्ट तक फैल सकता है.

इसलिए, इंस्टाग्राम के ब्यूटी ट्रेंड्स के काले पहलू को उजागर करना जरूरी हो गया है, यह बताते हुए कि कुछ अच्छे इरादे वाले टिप्स अनजाने में स्किन कैंसर के मामलों में खतरनाक वृद्धि में कैसे योगदान दे सकते हैं. आइए कुछ वायरल इंस्टाग्राम ब्यूटी टिप्स के बारे में जानें, जो स्किन कैंसर का कारण बन सकते हैं.

1. टैनिंग बेड

हिस्टोपैथोलॉजी-ऑनक्वेस्ट लेबोरेटरीज में सीनियर कंसल्टेंट और एचओडी डॉ. भावना बंसल के अनुसार, टैनिंग बेड का क्रेज इंस्टाग्राम पर छा गया है, जहां इंफ्लूएंसर सुंदरता के प्रतीक के रूप में कांस्य रंगत को बढ़ावा देते हैं. हालांकि, कड़वी सच्चाई यह है कि टैनिंग बेड से आर्टिफिशियल यूवी किरणों के अत्यधिक संपर्क से स्किन कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, 35 वर्ष की आयु से पहले टैनिंग बेड का उपयोग करने से मेलानोमा का खतरा 59% बढ़ जाता है, जो इसे एक खतरनाक ब्यूटी ट्रेंड बना देता है जिसके जीवन भर की समस्या हो सकती है.

2. जरूरत से ज्यादा केमिकल पील्स

इंस्टाग्राम पर एक और लोकप्रिय ट्रेंड केमिकल पील्स डेड सेल्स और खामियों को हटाकर स्किन को नया जीवन देने का वादा करता है. हालांकि, बिना उचित गाइडेंस के मजबूत केमिकल पील्स का ज्यादा उपयोग स्किन की सुरक्षा बाधा को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे यह हानिकारक यूवी रेडिएशन के प्रति सेंसिटिविटी हो जाती है. यह बढ़ी हुई सेंसिटिविटी स्किन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है, जिससे ब्यूटी रूटीन संभावित स्वास्थ्य खतरा बन सकता है.

3. बिना फिल्टर धूप में रहने का जुनून

कुछ इंफ्लूएंसर बिना फिल्टर के धूप का आनंद लेने की वकालत करते हैं, जो सनबाथिंग के लिए नेचुरल अप्रोच को बढ़ावा देते हैं. हालांकि, लंबे समय तक और बिना सुरक्षा के धूप में रहना स्किन के लिए एक बड़ा खतरा है, जो स्किन कैंसर के विकास में योगदान देता है. बिना फिल्टर वाली धूप में हानिकारक यूवी किरणें होती हैं, जिसके कारण आपको स्किन कैंसर या अन्य कोई समस्या हो सकती है.

4. DIY सनस्क्रीन मिश्रण

नेचुरल चीजों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाले ट्रेंड के साथ, घर पर बनाए जाने वाले सनस्क्रीन के नुस्खे इंस्टाग्राम पर काफी फेमस हो गए हैं. परेशानी ये है कि इनमें से ज्यादातर घरेलू सनस्क्रीन मिश्रणों में जरूरी SPF की मात्रा नहीं होती, जो स्किन को यूवी किरणों से बचाने में नाकाम रहते हैं. एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि पर्याप्त मात्रा में सूरज से सुरक्षा न मिलना स्किन कैंसर का कारण बन सकता है. इसलिए वे टेस्टेड और अप्रूव्ड सनस्क्रीन इस्तेमाल करने पर जोर देते हैं ताकि स्किन को संभावित नुकसान से बचाया जा सके.


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