क्या आप जानते हैं कोरोना से कोई राहत नहीं देते ये घरेलू नुस्खे, जानें क्या है अफवाह और सच्चाई | Newsforum
नई दिल्ली | कोरोना की दूसरी लहर से देशभर में स्वास्थ्य संसाधनों पर जबरदस्त बोझ पड़ा है। बड़ी तादाद में लोगों को तुरंत इलाज की ज़रूरत पड़ रही है। ऐसे में कई नीम-हकीम सोशल मीडिया में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं। वे तरह-तरह के नुस्खे शेयर कर रहे हैं। ऐसे में कई बार लोग सोशल मीडिया के प्रभाव में तरह-तरह के और अजीबो-गरीब घरेलू नुस्खे भी आजमा रहे हैं। इससे लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ा है। कोरोनाकाल में किए गए लॉकडाउन से कई लोग बेरोजगार हो गए, ऊपर से नीम-हकीमों की मुफ्त सलाह ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से कई नुस्खे कोरोना से बचाव या संक्रमित मरीज को राहत देने के कतई काम नहीं आते। चलिए जानते हैं ऐसे कुछ प्रचलित नुस्खों का सच।
रोज गरारे करना कोरोना का बचाव नहीं
अफवाह : रोज नमक के गुनगुने पानी से गरारे करने से अथवा नाक में कोई सिलाइन डालकर उसकी रोज सफाई करने से संक्रमण से बचा जा सकता है।
तथ्य : हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अनुसार, इस बात के कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है कि रोज गरारे करने या नाक में कोई द्रव्य डालकर सफाई करने से कोविड-19 से बचा जा सकता है।
कपूर-अजवाइन का तेल नहीं कारगर
अफवाह : कपूर, अजवाइन और यूकेलिप्टस के तेल का मिश्रण कोविड के मरीजों में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में काफी कारगर है।
तथ्य : अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी के मुताबिक, कपूर की भाप शरीर के अंदर जाकर विषाक्त हो सकती है, यह बाहरी उपयोग की सामग्री है।
वायरस की काट नहीं है एंटीबायोटिक
अफवाह : कोरोना से बचाने में एंटीबायोटिक दवाएं कारगर हैं, साथ ही कोरोना संक्रमित मरीज के जल्द उपचार के लिए उसे ये दवा देनी चाहिए।
तथ्य : हार्वर्ड विश्वविद्यालय के मुताबिक, एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया जनित रोगों से सुरक्षा देती हैं जबकि कोविड-19 एक वायरस जनित रोग है। कुछ कोरोना संक्रमित मरीजों में यह देखा गया है कि उनके शरीर में कुछ बैक्टीरियल बीमारियां भी हो जाती हैं, जिनके उपचार के लिए ही इन दवाओं का उपयोग किया जाना चाहिए।
नींबू नाक में डालने से फायदा नहीं
अफवाह : हाल में दावा किया कि नाक में दो बूंद नींबू का रस डालने से शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल बढ़ जाता है।
तथ्य : विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, नींबू में मौजूद विटामिन सी हमारे शरीर के लिए आवश्यक है पर इस बात के कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं कि यह हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कराता है।
नेबुलाइजर से नहीं मिलती ऑक्सीजन
अफवाह : वातावरण में पर्याप्त ऑक्सीजन है और नेबुलाइजर इसे शरीर के अंदर पहुंचाकर ऑक्सीजन की कमी पूरी हो सकती है।
तथ्य : मेडिकल विशेषज्ञों ने कहा है यह तकनीक अतिरिक्त ऑक्सीजन मुहैया कराने में बिल्कुल कारगर नहीं है, गलत इस्तेमाल से मरीज की जान को खतरा हो सकता है।