.

आतंकी को शहीद कहना पाप है part 2 of 2 | ऑनलाइन बुलेटिन

©के. विक्रम राव, नई दिल्ली

–लेखक इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (IFWJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।


 

इंडियन मुजाहीद्दीन के आतंकी आतिफ अमीन ने साल 2005 में आरिज को पाकिस्तान जाकर 40 दिन की हथियार चलाने की ट्रेनिंग के बारे में बताया और आतंकी आमिर रेजा खान की मुलाकात करायी। इसी के बाद आतिफ अमीन के कहने पर आरिज खान और मिर्जा शादाब बेग जेहाद के लिए इंडियन मुजाहीद्दीन में शामिल हुए।

 

जिन राजनेताओं ने बाटला हाउस मुठभेड़ में इन आतंकियों से लगाव और जुड़ाव दर्शाया था वे भली भांति जानते थे कि ये शातिर भारतद्रोही केवल राष्ट्र तक सीमित नहीं हैं। इनके तार सीधे आलमी खलीफा मोहम्मद अबू बकर अल बगदादी से जुड़े थे। इस अबू बकर ने इस्लामिक स्टेट आफ ईराक एण्ड सीरीया (आईएसआईएस) की स्थापना की थी। हजारों निर्दोष स्वराष्ट्रप्रेमी मुसलमानों को मार डाला था। इसकी इकाईयां केरल तथा यूपी में गठित हुयीं।

 

वे सब सराईमीर (आजमगढ़) से संबंधित रहे। सराईमीर कस्बा संपन्नता में भारत का दुबई माना जाता है। इसी जगह सांसद योगी आदित्यनाथ पर जानलेवा हमला हो चुका है। मोटरकार बदल लेने के कारण योगीजी तब बच गये थे।

 

योगीजी अभीतक आजमगढ़ से आतंक का गढ़ होने के पाप का निवारण नहीं कर पाये। अत: समाजवादी पार्टी के लोकसभा सदस्य तथा मुसलमान वोट बैंक के स्वामी अखिलेश यादव से अपेक्षा है कि आजमगढ़ को वे सेक्युलर बनायें। अपने वोटरों में भारतभक्ति सर्जायेंगे।

आतंकी को शहीद कहना पाप है l ऑनलाइन बुलेटिन

कुछ बात अब सोनिया गांधी की भी। मियां सलमान खुर्शीद नामी गिरामी विधिवेत्ता हैं। बाटला हाउस मुठभेड़ में मोहम्मद साजिद और आतीफ अमीन मारे जाने पर सलमान साहब अपनी पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी के पास गये थे। मुठभेड़ को फर्जी बताकर ऐसी विदारक तस्वीर पेश की कि उस महिला राजनेत्री का दिल चीख पड़ा। उनके अश्रु अविरल बहने लगे। मानवता के नाम पर सोनिया करुण क्रन्दन कर उठीं। दृश्य मार्मिक था। नारीसुलभ दया छलक पड़ी। सलमान भाई भी द्रवित तो थे ही, उन्होंने ”हिन्दुस्तान टाइम्स” को इस दृश्य का पूरा विवरण दिया। सोनिया का हत्यारों के प्रति स्नेह तथा सहानुभूति अपार थी। वह सब छपा भी।

 

अंत: वकील सलमान का अब मजहबी कर्तव्य है कि वे दिल्ली न्यायालय का निर्णय देखकर भारत राष्ट्र से क्षमायाचना करें। सोनिया गांधी से भी खेद व्यक्त करायें।

 

ऐसी ही अपील ममता बनर्जी से भी। वे आज बांग्लादेशी घुसपैठियों के बल पर कोलकाता में दहाड़ रहीं हैं। बाटला हाउस प्रसंग पर उनके आतंकियों के प्रति हमदर्दी भरे बयान सामने हैं। मर्यादा की मांग है कि माया शर्मा से मोहनचन्द्र शर्मा की मृत्यु पर चौदह वर्षों बाद ही सही वे हार्दिक खेद व्यक्त करें।

 

इंसानियत का यहीं तकाजा है।

Back to top button