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तैयारी अफसर की और प्रश्न मंत्रियों के निजी जीवन के, सब इंस्पेक्टर पुलिस का पेपर बना मजाक | Onlinebulletin.in

(चेयरमैन की माफ़ी से क्या युवाओं के सपने पूरे हो जायेंगे, किसी ने आत्महत्या कर ली तो जिम्मेदार कौन ? तैयारी अफसर की और प्रश्न मंत्रियों के निजी जीवन के....शर्म भी नहीं आई ?)

©प्रियंका सौरभ, हिसार, हरियाणा 

रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार


 

 

हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन दुनिया का एक अद्भुत बोर्ड है, जहां मनमाने तरीके से सवाल पूछकर अभ्यर्थियों के सपनों से खेला जाता है। चेयरमैन साहब बहुत अच्छी बात है 3 पेपर छपवाए थे लेकिन सबका एक ही पेपर लेना चाहिए था। महिला कांस्टेबल की संख्या तो सब इंस्पेक्टर से कहीं ज़्यादा थी। वो भी तो करवाया है, एक ही शिफ्ट में 3 प्रश्न पत्र तो नहीं दिए ! इस सारी बयानबाज़ी में आप ये क्यूँ छुपा गए कि अभ्यर्थियों को 20-20 मिनट बाद तो कहीं पूरे समय बाद दूसरा या तीसरा पेपर दुबारा, तिबारा सॉल्व करने के लिए दिए ! 2-3 OMR जो एक ही candidate की फिल हुई हैं वो? गलती तो हुई है बियॉन्ड डाउट लेकिन कुछ चीज़ें छुपाकर उसे कामयाबी कहकर पेश करना भी हुनर है! और बिना स्वयं की गलती हुए अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ेगा।

 

हाल ही में हुई हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन की सब इंस्पेएक्टर भर्ती परीक्षा में अजीब सवाल पूछे गए। जिनका इस पद से कोई लेना देना नहीं और चेयरमैन साहब उनको निरस्त करने की बजाय जायज ठहराने में लगे हैं, यही नहीं उन्होंने खुद को प्रसिद्ध करने के लिए अपने से जुड़ा प्रश्न भी पेपर में डलवा लिया और माफ़ी मांगकर पल्ला झाड़ लिया लेकिन ये कहां तक उचित है?

 

यही नहीं राज्य के कुछ भागों में ये पेपर दो-तीन बार बांटा गया (जो चेयरमैन ने खुद स्वीकारा भी है) जिससे इस पेपर की मैरिट प्रभावित होने का पूरा अंदेशा है, इसलिए ये पेपर शत प्रतिशत कैंसिल होने चाहिए। जहाँ दो -तीन पेपर बांटे गए उनको छोड़ दे तो बाकी को जो पेपर मिला उसमे 12 प्रश्न डाउट वाले है, अंग्रेजी का एक प्रश्न तो ऐसा है कि उसमें आयोग को ये नहीं पता कि पूछना क्या है? पूछा एडवर्ब है और विकल्प डिग्री के, ऐसे ही इंडियन पीनल कोड के विकल्प ही गलत है एक प्रश्न में राव की उपाधि राव तुलाराम और छोटूराम दोनों को मिली लेकिन दोनों का विकल्प ही नहीं। यही नहीं बीजेपी से जुड़े और मंत्रियों के निजी जीवन के प्रश्न इस परीक्षा की गंभीरता को मजाक बनाते दिखते हैं।

हरियाणा के राज्यपाल के प्रश्न को जानबूझकर कंफ्यूज किया गया है। एडिशनल को हम काउंट नहीं करते फिर भी १७-१८ देकर कंफ्यूज किया गया। हरियाणा के गृहमंत्री की विशेषता अविवाहित होना मान ले तो सोचिये समाज कहां जाएगा..शर्म आनी चाहिए ..भगत सिंह का या अन्य वीरों का शहीदी दिवस न पूछकर हाल ही में बीजीपी के किस नेता के पिता की मौत प्रश्न पेपर को मजाक बताती है। भोपाल सिंह खदरी में खदरी का अर्थ किस पुस्तक में लिखा है पूछने वाला होना चाहिए ??

 

रेवाड़ी और अन्य सेंटर में जहाँ तीसरा पेपर लिया गया, वो कमाल है मतलब जो पेपर बाकि सारे हरियाणा से लिया गया, वो इनसे भी लिया गया लेकिन उस पेपर के बाद दोबारा अन्य पेपर करवाया गया! क्यूँ? दूसरा पेपर करवाने का औचित्य? यदि लीक जैसा कुछ था तो बाकि हरियाणा में पेपर दे रहे अभ्यर्थियों से दूसरा या तीसरा पेपर क्यूँ नहीं करवाया गया? इससे ये तो साफ हो गया कि गुरुग्राम रेवाड़ी सेंटर वालों से गलत सेट खुल गया जैसा कुछ नहीं है। दूसरा क्या इन अभ्यर्थियों ने जो पहली ओएमआर शीट फिल की थी वें डिस्ट्रॉय की गई?

 

दो ओएमआर शीट एक अभ्यर्थी की। दोनों में एक रोल नंबर, एक सिग्नेचर, दोनों एक ही अभ्यर्थी द्वारा भरी गई। ज़ाहिर सी बात है एक में ज़्यादा अंक मिलना स्वाभाविक है। कौन सी मानी जाएगी? कितना भयंकर स्कोप है भ्रष्टाचार का। ये पेपर कैंसिल करके दोबारा से होना चाहिए तभी आयोग पर विश्वशनीयता बनेगी।


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