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बवासीर को दूर करने के लिए असरदार घरेलू उपाय और आहार

पाइल्स (Piles) या बवासीर लाइफस्टाइल से जुड़ी एक गंभीर समस्या है जिससे बहुत से लोग परेशान रहते हैं। दरअसल पाइल्स की बीमारी तब शुरू होती है, जब किसी को गंभीर कब्ज की समस्या होती है। पेट साफ नहीं होने से कब्ज बवासीर का रूप ले लेता है। इसमें गुदा हिस्से के अंदर और बाहर मस्से (गांठ) हो जाती हैं जिनमें गंभीर दर्द, सूजन और कभी-कभी खून बहता है।

बवासीर का इलाज क्या है? कहने को पाइल्स की बीमारी आम है लेकिन अगर इसका इलाज न कराया जाए, तो यह फिशर या भगंदर का रूप ले लेती है, जो इससे भी खतरनाक रोग हैं। बवासीर के इलाज के लिए कई दवाएं मेडिकल उपचार मौजूद हैं। कई बार मरीज को सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। हालांकि

बवासीर से बचने के उपाय? बवासीर से बचने का सबसे आसन उपाय कब्ज को रोकना है। आपको अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल करना चाहिए, जो कब्ज को रोकती हैं, साथ ही आपको एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए। हम आपको योग गुरु स्वामी बाबा रामदेव के इंस्टाग्राम पोस्ट से बता रहे हैं कि बवासीर के क्या कारण हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।

बवासीर का ज्यादा खतरा किसे

ऐसे लोग जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं
हैवी वेट लिफ्टिंग करने वालों को
मोटापे से पीड़ित लोगों को
पुरानी कब्ज से पीड़ित लोगों को
ज्यादा तीखा और मिर्ची-मसाले खाने वालों को
ओवरफ्राइड ऑयल खाने वालों को

बवासीर के लक्षण

गुदा में सूजन और मस्से या गांठ बनना
अंदरूनी हिस्से में दर्द होना
मल त्याग के दौरान खून आना
खुजली होना
अंदरूनी बवासीर के लक्षण
मल त्याग के दौरान खून आना
कभी-कभी दर्द के साथ खुजली होना

गर्म पानी से sitz bath

बवासीर से राहत पाने के लिए आपको गर्म पानी से सिकाई करनी चाहिए। इसे sitz bath कहा जाता है। इसके लिए एक टब में गर्म पानी भरकर कुछ देर उसमें बैठें। इससे आपको दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है।

टॉपिकल क्रीम

बवासीर के दर्द और अन्य लक्षणों को कम करने के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर टॉपिकल क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे काफी हद तक लक्षणों को कम किया जा सकता है। हालांकि कई बार इससे भी राहत नहीं मिलती है।

अंतिम उपाय सर्जरी

कई बार जब किसी भी तरह के घरेलू उपाय या दवाओं से राहत नहीं मिलती है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। इसमें बवासीर के मस्सों को काटकर अलग कर दिया जाता है।

बवासीर से बचने के लिए क्या करें

पानी और अन्य तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें
अपने खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं
स्टूल को सॉफ्ट करने वाली दवाएं लें


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