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एलॉन मस्क ने किया UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन

वॉशिंगटन
संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता की भारत की दावेदारी को अब दुनिया के सबसे अमीर इंसान अरबपति एलन मस्‍क का साथ मिल गया है। टेस्‍ला और स्‍पेसएक्‍स कंपनी के मालिक मस्‍क ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और उसे संयुक्‍त राष्‍ट्र में स्‍थायी सदस्‍यता न देना हास्‍यास्‍पद है। दरअसल, अफ्रीका को संयुक्‍त राष्‍ट्र की स्‍थायी सदस्‍यता देने की मांग को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस के एक ट्वीट के जवाब में पूछे गए एक सवाल के जवाब में एलन मस्‍क ने यह बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि हमें संयुक्‍त राष्‍ट्र के निकायों में समीक्षा की जरूरत है।

एलन मस्‍क ने एक्‍स पर ट्वीट किया, 'संयुक्‍त राष्‍ट्र के निकायों की समीक्षा करने की जरूरत है। समस्‍या यह है कि जिन (देशों) के पास बहुत ज्‍यादा ताकत है, वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं। धरती पर सबसे ज्‍यादा आबादी होने के बाद भी भारत को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता नहीं दिया जाना हास्‍यास्‍पद है। अफ्रीका को भी सामूहिक रूप से एक सीट संयुक्‍त राष्‍ट सुरक्षा परिषद में दिया जाना चाहिए।' इससे पहले संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने ट्वीट करके कहा था, 'हम इसे कैसे स्‍वीकार कर सकते हैं कि अफ्रीका एक भी स्‍थायी सदस्‍य सुरक्षा परिषद में नहीं है?'

भारत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बना चीन

एंटोनियो गुटरेस ने कहा, 'संस्‍थानों को आज की दुनिया को द‍िखाना चाहिए न कि 80 साल पहले की दुनिया। सितंबर में होने वाले शिखर सम्‍मेलन में वैश्विक प्रशासन पर फिर से विचार करने और विश्‍वास को फिर से बहाल करने का अवसर होगा।' एलन मस्‍क का यह समर्थन ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता को लेकर बड़ा बयान दिया था। जयशंकर ने कहा था, 'दुनिया कोई भी चीज आसानी से नहीं देती है, कभी कभी लेना भी पड़ता है।'

संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत की दावेदारी में सबसे बड़ी बाधा चीन बना हुआ है। चीन को डर सता रहा है कि भारत अगर स्‍थायी सदस्‍यता हासिल करता है तो एशिया में उसका प्रभाव कम हो जाएगा। यही वजह है कि वह दुनिया की इस सबसे प्रभावी संस्‍था से भारत को बाहर रखने के लिए तमाम चालें चल रहा है। यही नहीं चीन अपने प्‍यादे पाकिस्‍तान के रास्‍ते भारत के खिलाफ अभियान चलवा रहा है। यही वजह है कि कई वर्षों की मांग के बाद भी संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। पाकिस्‍तान जहां भारत का विरोध कर रहा है, वहीं जापान और जर्मनी का भी विरोध किया जा रहा है।


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