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भाजपा के लिए कर्नाटक को दक्षिण का द्वार कहा जाता, लेकिन अब तमिलनाडु चले PM मोदी

 बेंगलुरु

भाजपा के लिए अब तक कर्नाटक को दक्षिण का द्वार कहा जाता था और वह यहां कई बार सरकार बना चुकी है। यही नहीं लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को यहां से बड़ी सफलता मिलती रही है। 2019 के आम चुनाव में तो कर्नाटक में भाजपा को कुल 28 में से 25 सीटें मिली थीं। इसके अलावा 2014 में भी य़हां से 17 सीटें जीत गई थी। हालांकि उसके पड़ोसी और सुदूर दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में भाजपा अब तक बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाई है। फिर भी इस बार भाजपा तस्वीर पूरी तरह से बदलना चाहती है। यही वजह है कि एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी लगातार दौरे कर रहे हैं तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई के नेतृत्व में राज्य यूनिट आक्रामक रुख अपनाए हुए है।

अब पीएम नरेंद्र मोदी आज मंगलवार से फिर तमिलनाडु के दौरे पर जा रहे हैं। वह 4 दिन राज्य में रहेंगे और इस साल यह उनका 7वां तमिलनाडु दौरा होगा। इस तरह महज 100 दिनों के ही अंतराल में पीएम मोदी का 7 बार तमिलनाडु जाना कोई संयोग नहीं है बल्कि सोचा-समझा चुनावी प्रयोग है। भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि पार्टी को राज्य में कुल 6 सीटों पर जीत की उम्मीद है। ऐसा कुछ हुआ तो बड़ी बात होगी क्योंकि तमिलनाडु में भाजपा के लिए खाता खोलना भी मुश्किल रहा है।

इन 6 सीटों से है भाजपा को बड़ी उम्मीद

भाजपा को जिन सीटों पर उम्मीद लग रही है, उनमें साउथ चेन्नै, वेल्लोर, पेरमबलूर, कोयंबटूर, नीलगिरी और विरुधनगर शामिल हैं। यही नहीं पीएम नरेंद्र मोदी भी उनकी लोकसभा क्षेत्रों में जा रहे हैं, जहां भाजपा के जीतने की संभावनाएं अधिक हैं। राज्य में इस बार भाजपा का एआईएडीएमके से गठबंधन नहीं है। कभी जयललिता की अगुवाई में अच्छा प्रदर्शन करने वाली AIADMK के पास अब कोई करिश्माई नेता नहीं है। गुटबाजी भी चरम पर है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि कांग्रेस और डीएमके के विरोध वाला जो वोट AIADMK को जाता था, वह अब उसी को मिलेगा।  

पहली बार बिना किसी बड़े दल के उतरी भाजपा

यही वजह है कि इस बार पीएम नरेंद्र मोदी समेत पूरी भाजपा तमिलनाडु को लेकर ऐक्टिव हैं। 39 सीटों वाले तमिलनाडु में भाजपा इस बार 23 सीटों पर लड़ रही है। वहीं सहयोगी दल पीएमके को 10 सीटें मिली हैं और पूर्व मंत्री जीके वासन की पार्टी तमिल मनिला कांग्रेस को 3 सीटें मिली हैं। यह भाजपा के लिए तमिलनाडु में परीक्षा भी है। इससे पहले वह राज्य की दो प्रमुख पार्टियों AIADMK या फिर DMK के साथ ही उतरती थी। इस बार वह अकेले उतरी है और सफलता मिली तो पूरी क्रेडिट भी मिलेगा। बता दें कि पीएम मोदी जनवरी में दो बार, फरवरी में दो बार और फिर मार्च में भी दो बार तमिलनाडु गए थे।

 


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