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मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आइएएस ने 1.5 क्विंटल की सोने की रामायण राम मंदिर ट्रस्ट को भेंट की

अयोध्या

अयोध्या में राम मंदिर के गर्भ गृह में सोने की रामायण को विधि-विधान के साथ स्थापित कर दिया गया। श्रद्धालु इसके भी दर्शन कर सकेंगे। यह विशेष रामायण मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आइएएस सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणन और उनकी पत्नी सरस्वती ने राम मंदिर ट्रस्ट को भेंट की है।

राम मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित होने वाली रामायण की कीमत करीब पांच करोड़ रुपए है। इसका निर्माण चेन्नई के एक ज्वेलर ने किया है। इसे गर्भगृह में रामलला की मूर्ति से 15 फीट दूर पत्थर के आसन पर रखा गया। इसके शीर्ष पर चांदी से बना राम का पट्टाभिषेक है। रामायण का वजन 1.5 क्विंटल से ज्यादा है। तांबे से बना इसका प्रत्येक पृष्ठ 14 गुणा 12 इंच का है। हर पृष्ठ पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी है। इन पर राम चरित मानस के श्लोक अंकित हैं। रामायण के 500 पृष्ठों पर 10,902 छंद हैं। इसे बनाने में 151 किलो तांबे और तीन से चार किलो सोने का इस्तेमाल किया गया।

राम नवमी के लिए विशेष इंतजाम
राम मंदिर में रामनवमी के मौके पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। भीड़ को देखते हुए 15 से 17 अप्रैल तक पास से दर्शन की व्यवस्था रद्द रहेगी। अयोध्या में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन पर रामनवमी का लाइव प्रसारण किया जाएगा।

प्रसाद के साथ मिलेगा ORS का घोल
गर्मी में श्रद्धालुओं के लिए राम जन्मभूमि पथ से मंदिर परिसर तक 50 जगह पीने की पानी की व्यवस्था की जाएगी। प्रसाद के साथ ओआरएस का घोल भी दिया जाएगा। जूट का कारपेट बिछेगा। छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए जा रहे हैं।


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