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5G! कहीं कंगाल न कर दे, एक्सपर्ट्स ने किया अलर्ट; अकाउंट हो सकता है साफ; पढ़ें और रहें सतर्क | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [गैजेट्स बुलेटिन] | 4G की तुलना में 5G में 10 गुना तेज स्पीड मिलेगी, ऐसा कहा जा रहा है। बेशक 5G Launch के बाद लोगों को इसके ढेर सारे फायदे मिलेंगे लेकिन इसके साथ-साथ हमें इसके कुछ नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं। 5G के नाम पर धोखेबाज चुटकियों में आपका अकाउंट साफ कर सकते हैं। 5G लॉन्च के बाद देश में SIM Swap Frauds के मामलों में तेजी से इजाफा होने का अंदेशा जताया जा रहा है।

 

द इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि 5G लॉन्च के बाद SIM Swap Frauds में तेजी से इजाफा हो सकता है। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को SIM Swap फ्रॉड से बचने के लिए ग्राहकों को जागरूक करने की आवश्यकता होगी। क्योंकि 5G services का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहकों को सिम कार्ड अपग्रेड करने की जरूरत होगी और हैकर्स इसका फायदा उठा सकते हैं, जिससे धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाएगी।

 

सिम स्वैप फ्रॉड और खतरनाक नुकसान

 

दरअसल, सिम स्वैप फ्रॉड तब होता है, जब जालसाज फर्जी कॉल, फिशिंग आदि के माध्यम से किसी ग्राहक के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं और उसी नंबर पर एक नए सिम कार्ड जारी करवाने के लिए टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करने के लिए चुराई गई जानकारियों का उपयोग करते हैं।

 

सिम कार्ड जारी होने के बाद, ग्राहक के पास पुराना सिम डीएक्टिवेट हो जाता है, और नंबर पर सभी नए कम्युनिकेशन जालसाज को प्राप्त होने लगते हैं।

 

यह स्कैमर को बैंकिंग वन-टाइम पासवर्ड (OTP) जैसी जानकारी तक पहुंचने की अनुमति देता है, जिससे वे पीड़ित के अकाउंट से आसानी से पैसे चुरा सकते हैं।

 

यह चोरी हुए फोन के मामले में भी हो सकता है, या तब जब अनजान ग्राहक अज्ञात लिंक पर क्लिक करते हैं, जो धोखेबाज को सिम को रिमोटली डुप्लिकेट करने और ओटीपी तक पहुंच प्राप्त करने की अनुमति देता है।

 

जागरूकता अभियान चला सकती हैं कंपनियां

 

टेलीकॉम विभाग (DoT) ने 2016 और 2018 में अपग्रेडेशन के मामलों में नए सिम कार्ड जारी करने के लिए ग्राहकों की स्पष्ट सहमति लेने के लिए विस्तृत प्रक्रिया और कदम जारी किए।

 

रिपोर्टों से पता चलता है कि विभाग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और सुरक्षित करने के लिए आगे के दिशानिर्देशों पर काम कर रहा है।

 

डीएसके लीगल के पार्टनर ऋषि आनंद ने कहा, “टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल्स को अन-वेरिफाइड सोर्स तक पहुंचाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चला सकती हैं और उन्हें SIM swap scams के मामले में उपलब्ध उपायों के बारे में सूचित कर सकती हैं।”

 

वर्तमान में, सभी टेलीकॉम कंपनियां समय-समय पर ग्राहकों को अज्ञात नंबरों/कंपनियों से पर्सनल और फाइनेंशियस डिटेल्स के अनुरोधों से सावधान रहने की सूचना देते हुए मैसेज भेजती हैं।

 

वे उन प्लेटफार्मों की भी रूपरेखा तैयार करते हैं जहां ग्राहक सिम स्वैप/अपग्रेडेशन रिक्वेस्ट के साथ पहुंच सकते हैं।

 

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