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पटना-बिहार लॉ कॉलेज में हर्ष की सक्रियता व पीयू चुनाव या दो हॉस्टल की लड़ाई में गयी जान?

पटना.

और कितनी पहुंच होनी चाहिए बिहार में जिंदगी बचाने के लिए? किसी तस्वीर में वह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के साथ था। कहीं, सांसद चिराग पासवान के पास। समस्तीपुर से लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन प्रत्याशी शांभवी चौधरी के साथ पूरे चुनाव साये की तरह नजर आया। वही शांभवी चौधरी, जिनके पिता बिहार के कद्दावर मंत्री डॉ. अशोक चौधरी हैं और जिनके ससुर पूर्व आईएएस अधिकारी व धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष किशोर कुणाल हैं। वह बिहार के चर्चित आईपीएस विकास वैभव के सामाजिक अभियान लेट्स इंस्पायर बिहार में भी नजर आता था।

पटना विश्वविद्यालय के पांच प्रमुख-सक्रिय छात्र नेताओं में था। तो, क्या यही बढ़ती पहचान हर्ष राज की हत्या की वजह बनी? आदर्श आचार संहिता लागू है। सबकुछ एक तरह से चुनाव आयोग के नियंत्रण में है। तो क्या राजधानी पटना में इस तरह पटना लॉ कॉलेज के अंदर 15 मिनट तक पीटते-पीटते की गई हत्या के लिए चुनाव आयोग चुपचाप रहेगा? वह भी तब, जबकि समस्तीपुर लोकसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी की प्रत्याशी शांभवी चौधरी के साथ साये की तरह सक्रिय रहे एक राजनीतिक कार्यकर्ता की वहां से पटना आने के बाद हत्या हो गई। पटना में एक जून को मतदान होना है, उसके पांच दिन पहले सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों से भरे अशोक राजपथ से लगे लॉ कॉलेज परिसर में परीक्षा देकर निकलते छात्र की हत्या बिहार पुलिस महकमे के तमाम दावों की बखिया उधेड़ दे रहा है। पटना विवि को अब भी डर है कि कुछ बड़ा हो सकता है, इसलिए सारी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।

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हत्या के तीन कारण हो सकते हैं
सत्तारूढ़ राजग के नेताओं के साथ सक्रिय रहे हर्ष राज की हत्या के बाद विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने उसकी पिटाई का वीडियो जारी करते हुए हत्यारों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की। समस्तीपुर से राजग प्रत्याशी शांभवी चौधरी ने अपने भाई जैसे सहयोगी की इस हत्या पर गुस्सा प्रकट किया। लेकिन, सोमवार को दिन के करीब एक बजे हुई इस हत्या के मामले में मंगलवार सुबह तक पुलिस कुछ घोषित तौर पर नहीं बता सकी है। तीन कारणों की चर्चा है, लेकिन पुलिस किसी एक को अंतिम नहीं बता सकी है।- 1. हर्ष राज वैशाली के पुराने पत्रकार का इकलौता बेटा था और निकटवर्ती जिले समस्तीपुर में राजग प्रत्याशी को जिताने में जी-जान से जुटा था। तो, क्या यह हत्या समस्तीपुर में उसकी सक्रियता के कारण हुई है? 2. लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 के बीच पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव होना है और हर्ष राज को इसका मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा था। तो, क्या चुनाव के पहले ही प्रतिद्वंद्वी को मैदान से हटा दिया गया? 3. पिछले साल अक्टूबर में हर्ष राज ने पटना में जदयू मुख्यालय के बगल में डांडिया नाइट कार्यक्रम कराया था। इसमें स्टेज पर मनमाने तरीके से कब्जा जमाने के प्रयास में पटना विवि के कुख्यात हॉस्टलों जैक्सन और पटेल छात्रावास के लड़कों के बीच मारपीट हुई थी। तो, क्या हर्ष राज से उसकी खुन्नस इतने समय बाद आचार संहिता और परीक्षा में पुलिस की ड्यूटी के बीच निकाली गई?

उन मूकदर्शकों का क्या जो देखते रहे या वीडियो बना रहे थे
पटना के लॉ कॉलेज में यह हत्या हुई। वह भी लॉ की परीक्षा के दिन लॉ एंड ऑर्डर से खिलवाड़ हुआ। बहुत सारे लड़के-लड़कियां यहां इस मर्डर को लाइव देख रहे थे। कुछ वीडियो भी बना रहे थे। यहां पुलिस भी सुरक्षा में तैनात थी। इन सभी के बीच एक पत्रकार के इकलौते जवान बेटे की हत्या का तमाशा देखने वालों ने प्रतिरोध नहीं किया। वहां इतनी ईंटें तो जरूर थीं, जिन्हें बरसाकर दूर से भी उन हमलावरों को भगाया जा सकता था, लेकिन किसी ने जहमत नहीं उठाई। जरूरत नहीं समझी। 15 मिनट तक हर्ष को पीटा गया। उसके साथ रहा दोस्त भागने में कामयाब रहा, लेकिन निशाने पर रहा हर्ष भाग नहीं सका। जिस जगह पर हत्या हुई, वहां लॉ की पढ़ाई करने वालों ने लॉ एंड ऑर्डर से खिलवाड़ होते भी देखा, लेकिन हिम्मत नहीं दिखाई।


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