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अच्छी कारसाजी करना है | ऑनलाइन बुलेटिन

©मजीदबेग मुगल “शहज़ाद” 

परिचय- वर्धा, महाराष्ट्र


 

चूड़ी का शकुन अपशकुन खनकना और फूटना है।

चूड़ी खनके आदमी जिन्दा है चूड़ी तड़के मरना है।।

 

बात शादी शुदाओं की कुवारीया क्या जानें ।

खुदा ना करें ऐसा वाकिया हो बया डरना है ।।

 

दुवा ओ न्यॅज से उसे शफ़ा नहीं मिली तो क्या ।

वो क्या जिये भला जिसकी हयात जान सरना है।।

 

दुनिया में जो भी आया मौत का मजा चखना है ।

शर्त उम्र में अपनी अच्छी कारसाजी करना है ।।

 

जुबां पर ताबा रखना ना किसी का दिल तोड़ो जी ।

ये ज़िन्दगी भी एक जुआ जीतना और हरना है ।।

 

फ़ायदा नुकसान ये छोड़ो जिन्दगी जियो शान से।

अच्छाइयों का चराग तो आंधियों में जलना है ।।

 

अपने कर्मों का फल मरने से पहले भी मिलता है।

जो जैसा करे वैसे ही उसे कहते भरना है ।।

 

‘शहज़ाद ‘हालतों ज़िन्दगी का राज़ खूब सुनाया।

जानो अच्छाई का पौधा तो आखिर फ़लना है ।।

 

 

धरोहर | ऑनलाइन बुलेटिन

 

 


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