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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज की 285 याचिकाएं, अब ऑटोमेटिक मशीन से बनेंगे फूड सप्लीमेंट | ऑनलाइन बुलेटिन

रेडी टू ईट पर शासन के पक्ष में दिया फैसला

बिलासपुर | [कोर्ट बुलेटिन] | छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेडी टू ईट फूड को लेकर बनाई राज्य सरकार की नयी व्यवस्था को सही बताया है। इस आदेश के साथ ही जस्टिस आरसीएस सामंत ने महिला स्व सहायता समूहों की ओर से दायर करीब 287 याचिकाओं को खारिज कर दिया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब रेडी टू ईट खाद्य सामग्री के उत्पादन का काम ऑटोमेटिक मशीन से कराने का रास्ता साफ हो गया इै। बीते दिनों छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

 

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को बांटे जाने वाले रेडी टू ईट खाद्य सामग्री को अब ऑटोमेटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत रेडी टू ईट वितरण का काम को केंद्रीयकृत करने का फैसला लिया गया है। पहले इसे महिला स्व सहायता समूह करते थे।

 

शासन के इस निर्णय के खिलाफ 5 महिला स्व सहायता समूहों ने जनहित याचिका दायर की थी। इसके साथ ही अलग-अलग स्व सहायता समूह की ओर से करीब 287 याचिकाएं दायर की गई थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया था।

 

कैबिनेट की बैठक में लिया था निर्णय

 

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किये जाने वाली रेडी टू इट फूड को अब ऑटोमैटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है। 22 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। शासन का मानना है कि इससे आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार होगा।

 

बीज विकास निगम को मिली है जिम्मेदारी

 

शासन ने अपने जवाब में कहा था कि छत्तीसगढ़ में चल रही रेडी टू ईट योजना से महिला स्व सहायता समूहों को पूरी तरह से बाहर नहीं किया गया है। वह इसका निर्माण कार्य नहीं करेंगी, पर फूड का परिवहन और वितरण की जिम्मेदारी उनके ही पास रहेगा। इसे बनाने का जिम्मा अब राज्य सरकार ने राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम को सौंप दिया है। इससे पोषण आहार की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की भी बात कही है।

 

 


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