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राज्य हज कमेटी भंग करने के लिए दायर याचिका हाईकोर्ट ने की डीबी ने किया खारिज | ऑनलाइन बुलेटिन

रांची | (कोर्ट बुलेटिन) | राज्य हज कमेटी को भंग करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी को किसी प्रकार की राहत देने से इनकार करते हुए अपील खारिज कर दी।

 

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार को ऐसा करने का अधिकार है। एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए प्रार्थी की अपील को खारिज किया जाता है।

 

इस संबंध में हज कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष रिजवान खान ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी। उनका कहना था कि हज कमेटी का तीन साल तक कार्यकाल होता है। लेकिन सरकार ने वर्ष 2019 में बिना कार्यकाल पूरा किए ही हज कमेटी को भंग कर दिया गया। ऐसा करने का अधिकार सरकार को नहीं है।

 

सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व पीयूष चित्रेश ने अदालत को बताया कि कमेटी में 16 की जगह 15 सदस्य ही थी। इन त्रुटियों को देखते हुए सरकार ने नई कमेटी बनाने के लिए पुरानी कमेटी को भंग कर दिया।

 

ऐसा करने का अधिकार सरकार को है। इसके बाद अदालत ने प्रार्थी की अपील को खारिज कर दिया।


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