.

सुप्रीम कोर्ट में बोले वकील; सिखों की पगड़ी की तरह हिजाब भी अहम, अच्छा लगे या ना लगे पर अधिकार नहीं छीन सकते | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | [कोर्ट बुलेटिन] | कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है और लगातार सुनवाई चल रही है। सातवें दिन की सुनवाई में याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील ने हिजाब को सही ठहराने के लिए कई तर्क रखे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सिखों लिए पगड़ी अहम है उसी तरह मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। क्योंकि यह उनका विश्वास है। कोई तिलक लगाना चाहता है, कोई क्रॉस पहनना चाहता है तो यह उनका अधिकार है और यही सामाजिक जीवन की सुंदरता है।

 

याचिकाकर्ता के वकील ने जब कहा कि क्या किसी के हिजाब पहनने से देश की अखंडता और एकता को नुकसान पहुंचता है?

 

इसपर जस्टिस धूलिया ने कहा कि ऐसा किसी ने कहा है, यहां तक कि हाई कोर्ट के फैसले में भी यह नहीं कहा गया। इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अंत में यह केवल एक एक प्रतिबंध है।

 

जस्टिस धूलिया ने कहा कि यहां आपका तर्क विरोधाभासी हो सकता है क्योंकि अनुच्छेद 19 के तहत हिजाब को सही बताया जा रहा है तो यह केवल आर्टिकल 19 (2) के तहत प्रतिबंधित किया जा सकता है।

 

बता दें कि जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी।

 

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हिजाब पहनने से किसी की भी भावनाओं को चोट नहीं पहूंचती है और यह मुस्लिम महिलाओं की पहचान से जुड़ा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, बेनामी संपत्ति मामले में अब नहीं जाना होगा जेल supreem kort ka bada phaisala, benaamee sampatti maamale mein ab nahin jaana hoga jel
READ

 

उन्होंने कहा कि एक तरफ संविधान स्वतंत्रता की बात करता है तो दूसरी तरफ सरकारें प्रतिबंध की।

 

क्यों दिया अकबर का उदाहरण?

 

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि हाल यह है कि कोई युवक और युवती अगर हिंदू और मुस्लिम है और वे साथ में जीवन गुजारना चाहते हैं तो लोगों को इससे भी परेशानी है। हालांकि भाजपा के भी कई बड़े मुस्लिम नेताओं की जीवनसथी हिंदू हैं। मुगल बादशाह अकबर की भी पत्नी हिंदू राजपूत थीं। अकबर ने तब भी उन्हें भगवान कृष्ण की पूजा करने की इजाजत दी थी और मंदिर भी बनवाया था।

 

 याचिकाकर्ता के वकील ये भी कहा

 

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बहुत सारे लोग चाहते हैं कि गांधी को भूल जाया जाए और केवल सरदार पटेल को याद रखा जाए। हालांकि सरदार पटेल धर्म निरपेक्ष व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि दुनियाभर के इस्लामिक देशों में अब तक 10 हजार से ज्यादा आत्मघाती हमले हुए हैं लेकिन भारत में ऐसा केवल एक।

 

इसका मतलब है कि अल्पसंख्यकों का भारत में यकीन है। अखबार पढ़ने पर रोज ही पता चलता है कि ईराक और सीरिया में बम धमाका हुआ लेकिन भारत में ऐसा नहीं होता।

 

 

लड़के का कपड़ा फाड़ लड़कियों ने बीच सड़क पर पीटा, दी गंदी-गंदी गालियां; वीडियो वायरल | ऑनलाइन बुलेटिन

 

 

Related Articles

Back to top button