.

हाई कोर्ट वकील को नहीं मिली सरकारी नौकरी तो पानी की टंकी से कूद कर की खुदकुशी | ऑनलाइन बुलेटिन

जयपुर | [राजस्थान बुलेटिन] | भगवती नगर के एक 27 साल के लड़के ने पानी की टंकी से कूदकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वाला युवक लॉ ग्रेड्यूट था। युवक के परिवार के लोगों ने बताया कि सरकारी नौकरी नहीं मिलने की वजह से युवक डिप्रेशन (अवसाद) में था। परिवार के सभी लोग एक वैवाहिक कार्यक्रम में व्यस्त थे। इसी दौरान युवक ने पानी की टंकी से कूदकर आत्महत्या कर ली।

 

भारत में मिडल क्लास फैमिली के लोगों की यह चाहत होती है कि उनका बच्चा सरकारी नौकरी पा जाए। यही वजह है कि देश की एक बड़ी आबादी सरकारी नौकरी की तैयारी करती है। अक्सर सरकारी नौकरी न पाने पर तैयारी करने वाले छात्र-छात्राएं खुदकुशी जैसे गलत कदम भी उठा लेते हैं।

 

पुलिस ने युवक का नाम विनायक बताया है। युवक भगवती नगर में अपने घर के पास पानी की टंकी पर चढ़ गया और वहां से कूद गया। युवक को वहां से हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि आत्महत्या करने वाला युवक लॉ ग्रेजुएट था और वह हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करता था।

 

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में छात्रों द्वारा आत्महत्या से होने वाली मौतों की संख्या में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। साल 2021 में महाराष्ट्र में सबसे अधिक छात्रों ने खुदकुशी की। एक साल में कुल 1,834 छात्रों ने महाराष्ट्र में आत्महत्या की। वहीं मध्य प्रदेश में 1,308 और तमिलनाडु में 1,246 मौतें हुईं।

 

सरकारी नौकरी की चाहत रखने वालों के साथ- साथ बारहवीं में कम नंबर आने के कारण भी हर साल कई बच्चे आत्महत्या कर लेते हैं। इसके अलावा नीट, जेईई, सीए, आदि की तैयारी करने वाले छात्र भी सफलता न पाने पर मौत को गले लगा लेते हैं। छात्रों के बीच बढ़ता अवसाद इसके लिए मुख्य कारण बताया जाता है। आप को यह जानकर हैरानी होगी कि 2020 में 12,526 छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई, जबकि 2021 में यह संख्या बढ़कर 13,089 हो गई।

 

ये भी पढ़ें:

जेल में बंद व्यक्ति वोट क्यों नहीं डाल सकता ? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार से मांगा जवाब | ऑनलाइन बुलेटिन

 


Back to top button