.

मोहब्बत का मारा | ऑनलाइन बुलेटिन

©तिलक तनौदी ‘स्वच्छंद’

परिचय- रायगढ़, छत्तीसगढ़


 

मोहब्बत के दुश्मन का है अपना रुआब।

लगाकर फ़िरते हैं कितने वो नक़ाब।

 

अरे बुज़दिल इश्क़ को मत कर बदनाम।

नियंत्रण में रखो अपने सारे अताब।

 

कहीं प्रेमी जोड़े तो कहीं रिश्तेदार।

प्यार के रिश्तों को करते हैं ख़राब।

 

 

कहीं लिव इन सम्बन्ध से हाथ लाल।

कहीं सम्मान हत्या का करते हिसाब।

 

कल साथ रहने की क़सम थे खाए।

आज हाथ खून से रंगने को बेताब।

 

ऐसे खूँखार दरिंदों से बनाओ दूरियाँ ।

परखो बुध्दि विवेक से बनाओ आदाब।

 

तिलक की आवाज़ सुनो प्यार के दिवानों।

सोचो-समझो पहचानो फ़िर बुनों ख़्वाब।

 

ये भी पढ़ें:

सीएम भूपेश बघेल बोले: आदिवासियों, वनवासियों के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू कर बेहतर ढंग से हो रहा क्रियान्वयन | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

 

हाइकु मंजूषा...
READ

Check Also
Close
Back to top button