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मौत से बचना हो तो लौट जाएं रूसी, पुतिन पर यूक्रेन ने बढ़ाया दबाव, जेल में बंद कैदियों को निकालेंगे बाहर | ऑनलाइन बुलेटिन

कीव | [इंटरनेशनल बुलेटिन] | यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के साथ वार्ता से पहले अपने सख्त तेवर दिखाए हैं। देश को संबोधित करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस को तत्काल सीजफायर का ऐलान करना चाहिए। उन्होंने रूसी सेना को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि आप लोग रूस लौट जाएं वरना मारे जाएंगे।

 

राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन का हर नागरिक सैनिक है और रूस के खिलाफ आखिरी दम तक लड़ता रहेगा। रॉयटर्स के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि वे जेलों से उन कैदियों को निकालेंगे, जिनके पास युद्ध लड़ने का अनुभव है। इन लोगों को रूस के खिलाफ जंग में उतरने का मौका दिया जाएगा।

 

जेलेंस्की झुकने के मूड में नहीं दिख रहे हैं और रूस पर समझौते के लिए दबाव बनाना चाहते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन को तुरंत यूरोपियन यूनियन की सदस्यता मिलनी चाहिए। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच कुछ ही देर में वार्ता होने वाली है। बेलारूस में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच यह वार्ता होगी। इससे पहले जेलेंस्की ने ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन से बातचीत में कहा था कि अगले 24 घंटे देश के लिए अहम होंगे। इस पर ब्रिटिश पीएम ने कहा कि वह रूसी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को हरसंभव मदद मुहैया कराने का प्रयास करेंगे।

 

ब्रिटेन के पीएम से की बात, लातविया से मिला बड़ा समर्थन

 

वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बोरिस जॉनसन के अलावा पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज से भी बात की। इस बीच लातविया ने यूक्रेन को समर्थन का ऐलान करते हुए संसद में ए्क कानून पारित किया है। इसके तहत देश का कोई भी नागरिक यदि चाहे तो यूक्रेन की ओर से रूसी सेना के खिलाफ जंग में उतर सकता है।

 

रूस के 4,500 सैनिकों को मार गिराने का किया दावा

 

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के 4,500 सैनिकों के अब तक मारे जाने का दावा किया है। उनका कहना है कि रूस के 4,500 सैनिक मारे गए हैं और 150 से ज्यादा टैंक भी तबाह कर दिए गए हैं। जानकारों का कहना है कि युद्ध के लंबे खिंचने के चलते रूस बैकफुट पर नजर आ रहा है। सीमांत इलाकों में रूस ने बड़ी कामयाबी हासिल की थी, लेकिन कीव के बाहर यूक्रेन की सेना की की ओर से उसे करारा जवाब मिल रहा है। ऐसे में रूस भी दबाव में है और यूक्रेन भी नहीं चाहता कि युद्ध के लंबे खिंचने से उसे जानमाल का ज्यादा नुकसान हो।


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