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भारत और अमेरिका के बीच 31 MQ9B ड्रोन को लेकर लगभग 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सौदा हुआ

नई दिल्ली  
भारत और अमेरिका के बीच 31 MQ9B ड्रोन को लेकर लगभग 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सौदा हुआ है। इससे न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देगा बल्कि इसमें 16 गुना वृद्धि भी सुनिश्चित करेगा। विमानों की संख्या मौजूदा पट्टा समझौते से परे नई दिल्ली की समुद्री सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा- अमेरिकी कांग्रेस के पास अब इस डील की समीक्षा करने के लिए 30 दिन का समय है। समीक्षा पूरी हो जाने के बाद भारत और अमेरिका प्रस्ताव और स्वीकृति पत्र के साथ बिक्री की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। मैं कोई समयसीमा नहीं बता सकता। यह आज शुरुआती कदम था। डिलीवरी की सटीक समयसीमा के बारे में कांग्रेस को सूचित करना कुछ ऐसा है, जिसे हम आने वाले महीनों में भारत सरकार के साथ तलाशेंगे।
 
मैथ्यू मिलर ने आगे कहा-  मैं इस डील के बारे में इतना ही कहूंगा कि 31 MQ9B ड्रोन भारत को एक उन्नत समुद्री सुरक्षा और समुद्री डोमेन जागरूकता प्रदान करेगा। यह हथियार भारत को वर्तमान में मौजूद MQ-9A एयरक्राफ्ट की तुलना में पूर्ण स्वामित्व और एयरक्राफ्ट की संख्या में 16 गुना की वृद्धि करेगा। बता दें जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के US स्टेट विजिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और PM मोदी की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी कर ड्रोन डील के बारे में बताया गया था।  बयान में कहा गया था कि ड्रोन भारत में असेंबल किए जाएंगे और इन्हें बनाने वाली जनरल एटॉमिक्स, भारत में एक MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ऑपरेशन्स) सेंटर स्थापित करेगी. हालांकि, इस बयान में ड्रोन की संख्या और मूल्य के बारे में कुछ नहीं बताया गया था।

जानकारी के लिए बता दें पीएम मोदी पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद समिति (DAC) ने 31 MQ-9B ड्रोन्स की खरीद के लिए एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (AON) जारी की थी। तब रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि भारतीय सेनाओं को इन ड्रोन्स की जरूरत है। इसलिए इन्हें खरीदा जा रहा है। 31 में से 15 ड्रोन सी गार्डियन थे यानी ये नौसेना को मिलेंगे। बाकी 16 ड्रोन सेना और वायुसेना को दिए जाएंगे।


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