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IIT बॉम्बे प्लेसमेंट में लगातार दूसरे साल बड़ी संख्या में छात्रों को नौकरी नहीं मिलना चिंता का विषय

मुंबई

भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (IIT) बॉम्बे प्लेसमेंट में लगातार दूसरे साल भी बड़ी संख्या में छात्रों को नौकरी नहीं मिलना चिंता का विषय बन गया है. इस साल प्लेसमेंट के लिए रजिस्टर करने वाले 35.8 प्रतिशत छात्रों को अभी तक कोई नौकरी नहीं मिली है. पिछले साल आईआईटी बॉम्बे के 32 फीसदी छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हुआ था. देश के प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों में से एक आईआईटी बॉम्बे का यह हाल वाकई में सोचने पर मजबूर कर रहा है. इस बीच, कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने आईआईटी बॉम्बे प्लेसमेंट पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार पर निशान साधा है.

आईआईटी से पढ़ाई करने वाले छात्रों की नजर हर साल दिसंबर और फरवरी पर रहती है. क्योंकि यही वो महीने होते हैं, जिनपर उनका करियर टिका होता है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) आमतौर पर इन्हीं दो महीनों में प्लेसमेंट्स आयोजित करता है. लेकिन पिछले दो वर्षों से काफी संख्या में छात्रों को इन्हीं महीनों में केवल निराशा ही हाथ लग रही है.  एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 2000 रजिस्टर्ड छात्रों में से करीब 712 छात्रों को अभी तक इस सीजन में कोई प्लेसमेंट नहीं मिला है. इसे लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं.

2023 में 32% और 2024 में 36% स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट नहीं हुआ
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिये रोजगार को लेकर मोदी सरकार की नीयत और नीति पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है, 'बेरोज़गारी की बीमारी’ की चपेट में अब IIT जैसे शीर्ष संस्थान भी आ गए हैं. IIT मुंबई में पिछले वर्ष 32% और इस वर्ष 36% स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट नहीं हो सका. देश के सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान का ये हाल है, तो कल्पना कीजिए BJP ने पूरे देश की स्थिति क्या बना रखी है.'

केंद्र के पास न नीति है और न ही नीयत: राहुल गांधी
उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा, 'कांग्रेस द्वारा युवाओं के लिए रोज़गार का ठोस प्लान देश के समक्ष रखे लगभग एक महीना बीत चुका है, पर भाजपा सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक सांस भी नहीं ली है. नरेंद्र मोदी के पास न रोज़गार देने की कोई नीति है और न ही नीयत, वह सिर्फ भावनात्मक मुद्दों के जाल में फंसा कर देश के युवाओं को धोखा दे रहे हैं. युवा इस सरकार को उखाड़ कर अपने भविष्य की नींव खुद रखेगा. कांग्रेस का #YuvaNyay देश में एक नई 'रोज़गार क्रांति' को जन्म देगा.'

क्यों कम हो रहा आईआईटी प्लेसमेंट?
एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 32.8 प्रतिशत छात्र कोई नौकरी हासिल नहीं कर पाए थे. इस साल, अभी तक जिन छात्रों को प्लेसमेंट नहीं मिला है, उनकी संख्या में 2.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2023 में, 2,209 रजिस्टर्ड छात्रों में से 1,485 छात्र ही नौकरी पा सके थे. आईआईटी-बॉम्बे के प्लेसमेंट सेल के अधिकारियों ने बताया था कि वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण, प्लेसमेंट सीजन के लिए कंपनियों को बुलाना मुश्किल हो गया था.

100 प्रतिशत प्लेसमेंट कोर्स में भी खाली हाथ रहे स्टूडेंट्स
बता दें कि प्लेसमेंट सीजन अभी चल रहा है, जो मई तक चलेगा. अधिकारियों ने न्यूज़ एजेंसी को बताया कि पहली बार, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग ब्रांच के छात्र, जिनमें आम तौर पर 100 प्रतिशत प्लेसमेंट होता है, इस साल लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं. यह संस्थान में सबसे ज़्यादा डिमांड वाला कोर्स है.


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