जय अम्बे गौरी | ऑनलाइन बुलेटिन
©रामकेश एम यादव
परिचय- मुंबई, महाराष्ट्र.
(आरती)
ओम जय अम्बे गौरी! मैया जय अम्बे गौरी।
शरण गहूँ मैं किसकी, तू रक्षक सबकी।
लाल चुनर में तू है सजी, सच्चा है दरबार।
तेरी कृपा से चल रहा, ये सारा संसार।
ओम जय अम्बे गौरी! मैया जय अम्बे गौरी।
शरण गहूँ मैं किसकी, तू रक्षक सबकी।
ओम जय अम्बे गौरी……
कैसे करूँ बखान तेरा मैं, चरणों में मेरी जान।
आता नहीं मुझे पूजा का, देखो कोई विधान।
ओम जय अम्बे गौरी! मैया जय अम्बे गौरी।
शरण गहूँ मैं किसकी, तू रक्षक सबकी।
ओम जय अम्बे गौरी……
तेरे सिवा कोई और नहीं, जो बिगड़े संवारे काम।
पास में मेरे कुछ भी नहीं, केवल है तेरा नाम।
ओम जय अम्बे गौरी! मैया जय अम्बे गौरी।
शरण गहूँ मैं किसकी, तू रक्षक सबकी।
ओम जय अम्बे गौरी……
मेरा मुझमें कुछ भी नहीं, सब कुछ है तेरे हाथ।
वंदन करती सगरी दुनिया, बस तेरा विश्वास।
ओम जय अम्बे गौरी! मैया जय अम्बे गौरी।
शरण गहूँ मैं किसकी, तू रक्षक सबकी।
ओम जय अम्बे गौरी……
शेर सवारी तेरी मैया, कितने हैं तेरे रूप।
ब्रह्मा,विष्णु, सदाशिव, तेरे रूप की है ये धूप।
ओम जय अम्बे गौरी! मैया जय अम्बे गौरी।
शरण गहूँ मैं किसकी, तू रक्षक सबकी।
ओम जय अम्बे गौरी……