जावेदाँ | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©बिजल जगड
विरान है गुलशन भलाकिधर चले,
बे -कसी में बैठे है पत्थर बनके,
खोई खोई जिंदगी आँखो में अश्क,
दिल पर हजार औहाम छाए हुए,
दामन ए सुबह पर फैले रंगीन फूल,
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