.

सर पे बांधा कफन इस ज़मी के लिए | ऑनलाइन बुलेटिन

©राजेश श्रीवास्तव राज

परिचय– गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश.


 

 

फर्ज पूरा किया     इस ज़मी के लिए।।

सर कटे न झुके    सांसे जब तक रहे।

ग़र शहीद भी हो    इस ज़मी के लिए।।

 

जो शहीद हुए      आखरी सांस तक।

हुकूमत से भिड़े    अपनी ही शर्त पर।।

राजगुरु और भगत साथ सुखदेव भी।

फांसी पर झूल गए इस ज़मी के लिए।।

 

तुम करो वंदना      तुम करो प्रार्थना।

सर सिज़दा करो    ऐसे राष्ट्रभक्त को।।

गर्व है मान है ऐसी    मां के लाल पर।

राष्ट्र करता नमन    ऐसे महाप्राण को।।


Back to top button