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जवाबदेही | Newsforum

©हरीश पांडल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

 

समाज विकास में

अपनी जवाबदेही

तय करो ?

नीजि स्वार्थ में

अपने जमीर को ना

विक्रय करो?

भौतिक सुख के पीछे

भागने वालों

नैतिक कर्तव्यों को

ना क्षय करो?

समाज विकास में

अपनी जवाबदेही

तय करो,

नीजि स्वार्थ में

अपने जमीर का

ना विक्रय करो,

बंगले+ गाड़ी

धन- दौलत

बड़ा नाम,

उंची शोहरत

सारी तमन्नाएं

पूरी हो जायेगी

क्षण भंगुर सुख

हासिल करने के लिए

क्या सच का

गला घोटना होगा ?

दूसरों के बीवी-बच्चे

भाड़ में जाए?

अपना महल बनना

तय होगा।

निर्दोष फांसी पर

लटक जाये ?

ऐसे उन्नति का ना

क्रय करो?

समाज विकास में

अपनी जवाबदेही

तय करो,

वे जो समाज के

मुखिया बने हैं?

वे जो समाज के

अगुवा बने हैं,

अपनी मुखियाई

अपनी अगुवाई

साबित करें?

उनके निकम्मेपन

को देखकर

लगता है वे समाज

के,ठगुवा,बने हैं।

उनकी ऐसी ही

रवैया रहा तो?

भावी पीढ़ी समझेगी

ये अगुवा- मुखिया ही

समाज के दल्ला बने हैं

समय रहते सुधर जाओ

समझदार बनो

संभल जाओ

अपनी जमीर का

अपनी जमीन का

मत सौदा करो?

क्या हो तुम ?

कौन हो तुम ?

क्या चाहते हो ?

गिरगिट की तरह

रंग ना बदलो?

अपनी चाहत स्पष्ट करो

समाज विकास में

अपनी जवाबदेही

तय करो ?

नीजि स्वार्थ में

अपने जमीर का

ना विक्रय करो?


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