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अशोक कुमार यादव को मिला भारत माता अभिनन्दन सम्मान 2021 | Newsforum

©अशोक कुमार यादव ‘शिक्षादूत’, मुंगेली, छत्तीसगढ़


बैंगलुरू | स्वामी विवेकानंद के शिकागो सम्मेलन दिवस के 128 वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर 11 सितंबर 2021 को भारत माता अभिनन्दन दिवस के रूप में मनाया गया। ‘शिकागो उद्बोधन’ में स्वामी ने आधुनिक विश्व को महान् सनातन संस्कृति की उदारता, वैज्ञानिकता व सर्व समावेशी भावना से परिचित कराया था। इस पर राष्ट्रीय श्रेया क्लब बैंगलोर कर्नाटक के द्वारा कविता लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न राज्यों के कवि एवं कवयित्री सम्मिलित हुए। इस प्रतियोगिता में जिला मुंगेली छत्तीसगढ़ के कवि अशोक कुमार यादव, सहायक शिक्षक (प्रभारी प्रधान पाठक) ने कविता लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया और भारत माता अभिनन्दन सम्मान से सम्मानित हुए।

 

कविता

 

महापुरुष स्वामी विवेकानंद …

 

भारत के धर्म महानायक। विधाता रूप महापुरुष लायक।।

वेदांत के आध्यात्मिक गुरु। जन हृदय में चेतना किए शुरू।।

जन्म लिए कायस्थ परिवार। कलकत्ता नगरी बना संसार।।

विद्या स्वामी नरेंद्र नाथ दत्त। सनातन धर्म का पथ प्रदत्त।।

रामकृष्ण मिशन के अग्रदूत। विश्वनाथ और भुनेश्वरी सपुत।।

गुरु परमहंस के प्रिय शिष्य। प्रभु राम, कृष्ण परमेश सदृश्य।।

कुशाग्र बुद्धि धर्म अनुगामी। सभ्यता और संस्कार स्वामी।।

देशभक्त, प्रतापी, सन्यासी। देव-देवी, कर्मफल विश्वासी।।

विद्यासागर से लिया संज्ञान। हिंदू शास्त्र, दर्शन का ज्ञान।।

शास्त्रीय संगीत के थे ज्ञाता। कला और साहित्य के विधाता।।

संस्कृत,बंगाली के पंडित। अनैतिक, अधर्म को करते खंडित।।

विलक्षण प्रतिभा, श्रुतिधर। विश्व अलौकिक वचन विवर।।

कर्म, राज, ज्ञान, भक्ति योग। अद्यतन भारत कृतियां प्रयोग।।

तन गेरुआ पट किए धारण। पैदल ही किए विश्व भ्रमण।।

विश्व धर्म परिषद् प्रतिनिधि। भारत के महान् संचित निधि।।

अमेरिका में किए सम्मेलन। बहनों और भाइयों का उद्बोधन।।

उठो जागो, अनमोल वचन। हर आत्मा ईश्वर का सदन।।

एक समय में एक काम करो। बाकी सब कुछ भूल जाओ।।

अच्छी बात का मज़ाक बनता। फिर उसे स्वीकारा जाता।।

तुम चिंता नहीं, चिंतन करो। नए-नए विचारों को जन्म दो।।

एक और विवेकानंद चाहिए। क्या किया समझाने के लिए?

ध्यान ब्रह्मरंध्र महासमाधि। बेलूर गंगा तट चंदन अंत्येष्टि।।


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