मूर्ति का खौफ | newsforum
©अनिल बिड़लान, हरियाणा
परिचय : शिक्षक, काव्य संग्रह- कब तक मारे जाओगे और सुलगते शब्द प्रकाशित, समाचार पत्रों व विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित.
एक मूर्ति का खौफ
ऐसा छाया कि
कायरों की कायरता ने
हद कर दी
सुना है फिर से
कुछ डरपोकों ने
बाबा साहब की मूर्ति
खंडित कर दी…
करते रहो अंधेरों में
तुम ये बहादुरी
टूटी मूर्ति ने भी विचारधारा
और मजबूत कर दी
मूर्ति तो फिर बन जाएगी
मगर इस बेहूदगी ने
तुम्हारी कुंठित मानसिकता
उजागर कर दी…
तोड़ते रहो
पत्थर की मूर्तियाँ
हमनें तो विचारों में
दिल में उनकी तस्वीर कर दी
खुद को कहते
फिरते हो महान
मगर फिर से तुम लोगों ने
ओछी हरकत कर दी …
कभी नजदीक से
जानकर देखो
आमजन के लिए बाबा साहब ने
जिंदगी न्यौछावर कर दी
हर जाति की
महिला कामगार
मजदूर किसान
की जिंदगी आसान कर दी…
ये सिर्फ मूर्ति ही
खंडित नहीं हो रही
देश में भाईचारे के बीच
दीवार खड़ी कर दी
हर जाति ने दी कुर्बानी
देश की आजादी में
शहीदों की शहादत की
फिर से बेइज्जती कर दी।।
घरौंडा करनाल हरियाणा में 7 फरवरी 2021 को कुछ शरारती तत्वों ने विश्वरत्न डॉ. आंबेडकर की मूर्ति खंडित कर दी। उसी संदर्भ में ये कविता लिखी गई है। ??