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संघर्ष पथ के पथिक बाबा साहेब | ऑनलाइन बुलेटिन

©एमएस अंसारी

परिचय– शिक्षक, कोलकता, पश्चिम बंगाल


 

जय जयकार की चाहत को

बाबा साहेब ने झुठलाया है ,

कैसै खिलेगी मुरझाई बगिया

संघर्ष कर दिखलाया है ।

 

कर्मवीर बाबा साहेब ने

समता का मार्ग बनाया है ,

अधिकारों को पाने खातिर

तूफ़ानों से टकराया है ।

बाबा साहेब ने अधर्म को

ठोकर मार भगाया है ,

समता मूलक अपने विचार को

जन जन तक पहुँचाया है ।

 

धर्म अधर्म के दलदल से

सबको आज बचाया है ,

छुआछूत और नफ़रत को

मानवता से दूर भगाया है ।

 

नव जीवन के नव पथ से

परिचय आज कराया है ,

तोड़ गुलामी के बंधन को

आजाद हमें कराया है ।

 

जिनको सदियों से समाज ने

कह कर दलित सताया है ,

संविधान में हक दिलवाकर

जीने का राह बताया है ।

 

ऊँच नीच के भेद भाव को

नहीं कभी सम्मान करें ,

रूढ़िवादी जख़्मों का भी

हँस हँसकर अपमान करें ।

 

आओ उनके सत्य पथ से

खुद अपना सम्मान करें ,

उनके ही पथ को अपना कर

समदर्शी बन अभिमान करें ।

 

उनके संघर्षों की गाथा को

जन जन तक पहुँचाना है ,

चिरनिद्रा में मरे पड़े जो

फिर से उनको जगाना है ।

 

बाबा साहेब के आदर्शों को

तन मन से अपनाना है ,

उन्मुक्त जीवन जीने खातिर

संविधान को बचाना है ।

अजर अमर बाबा साहेब के

संघर्षों की बात चलेगी ,

उनके आदर्शों पर चलकर

नव जीवन की ज्योति जलेगी ।

 

बाबा साहेब इस जगत के

लालों के भी लाल हैं ,

सिसक रही मानवता के

पालक नहीं दिक्पाल हैं ।

 

धरती माता उनको पाकर

आज भी अभिभूत है ,

गलत साबित कोई कर ले

किसके पास सबूत है ?


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