मिज़ाज बदलना | newsforum
©सरस्वती साहू, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
बदनाम न हो बंदा कोई मिज़ाज बदलना चाहिए
रब हमेशा साथ हो उसे याद करना चाहिए
इंसान के साथ इंसानियत से बर्ताव करना चाहिए
संकटों के बीच में हिम्मत को भरना चाहिए
गिर रहे हैं जो कोई उन्हें हाथ देना चाहिए
उदास न हो कोई अपना साथ देना चाहिए
मुकम्मल हो रब के द्वार अरदास होना चाहिए
फक्र हो ज़िन्दगी पे मिज़ाज होना चाहिए
ज़िन्दगी छोटी है सबकी रफ्तार भरना चाहिए
दुनियां में हर किसी को प्यार मिलना चाहिए
कसर न हो दिलों में खासियत खूब होनी चाहिए
अक्ल से हर काम कर तारीफ़ होनी चाहिए
गौर कर खुद पे जरा एहसास होना चाहिए
मिन्नते हजार कर खुशमिजाज़ होना चाहिए
बेफिज़ुल की बात पर न गौर करना चाहिए
मिल सके तालीम खूब मिजाज़ बदलना चाहिए …