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छत्तीसगढ़ी बाल गीत | ऑनलाइन बुलेटिन

©कलेश्व साहू, शिक्षक

परिचय- बिल्हा, छत्तीसगढ़


 

 

 

आगे होली

 

आगे होली हमर संगवारी,

रंग भरव अपन पिचकारी।

 

उड़ाबो जी मया के गुलाल,

संगवारी मन हो जाही लाल।

 

सब्बो धरम मिलके मनाबो,

जाति-पाती भेद ल मिटाबो।

 

आगे होली हमर संगवारी,

रंग भरव अपन पिचकारी।

 

आप जम्मोझन ल होली तिहार के नगत ले बधाई अउ शुभकामना……


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