.

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा | Onlinebulletin

©सतीश यदु, जिला उपाध्यक्ष, युवा यादव (ठेठवार) बेमेतरा, छत्तीसगढ़


 

 

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा म आनी बानी के जीनीस

 

सत्ताईस जिला के गजब गोठ

अगल-अलग इंहा के बात।

फसल बोंथे बारो महिना

जाड़ गर्मी अउ बरसात।।

हकन के धान होथे तभे धान कटोरा नाम मिलिस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।1।।

 

राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना

बन भैंसा हे राजकीय पशु।

समृद्ध अउ स्वस्थ छत्तीसगढ़

स्वास्थ्य नारा हे धांसु।।

सोला जिला ल धरके अपन नाम जगाइस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।2।।

 

महानदी लीलागर इंद्रावती

शिवनाथ खारून अरपा पैरी।

ठउर ठउर म नदिया नरवा

हसदो तांदुला अउ गोदावरी।।

मोरजध्वज जइसे दानी ह इही माटी म जनमीच।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।3।।

 

 

माटी करीया लाल पीवरा

भांठा भर्री अउ धनहा।

नता हे आनी बानी के

गंगाबारु जंवारा मितनहा।।

शहीद वीरनारायण सिंह ह जनता के भूख मिटाइस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।4।।

 

कोदो कुटकी तिंवरा राहेर

धान चना सोयाबीन।

अरसी उरीद सरसों जुवांड़

बाढ़त हे दिनों दिन।।

अन्नपूर्णा माता अब तो परसन होइस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।5।।

 

लोहा सोना तांबा हीरा

सबके हाबय इंहा खदान।

कुछु जीनीस के कमी नइये

मोर छत्तीसगढ़ महान।।

छत्तीसगढ़िया मन ल अइसन वरदान मिलिस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।6।।

 

फेकटरी लगे हे बड़े बड़े

गड़गड़ – गड़गड़ चलत हे।

दिनमान कस रात दिखय।

जगजग ले बिजली बरत हे।।

देश – दुनिया म हमूं मन ल चिन्हा मिलिस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।7।।

 

सुवा पंथी राउत नाचा

भरथरी गम्मत पंडवानी।

ठेठवार भाई मन बांस गीत संग

सुनावय कथा कहानी।।

हमर राज्य के संस्कृति ल बगराइस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।8।।

 

बारो महिना आथे तिहार

हरेली तीजापोरा होली देवारी।

जेठौनी पुन्नी खमरछठ राखी

सबो परब होथे मंगलकारी।।

भाईचारा बढ़ायबर ये सुघ्घर अवसर मिलिस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।9।।

 

भोरमदेव दंतेश्वरी मंदिर

महामाया दरबार।

बम्लेश्वरी देवी राजीव लोचन

अउ कतको भरमार।।

बिपत ल हार के सुख ले भरपुर करीस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।10।।

 

खैरागढ़ संगीत के गढ़ हे

रविशंकर हे रायपुर।

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय इंहा

न्यायधानी हे बिलासपुर।।

नोनी बाबू मन ज्ञान ले लाभ उठाइस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।11।।

 

कतका करव बखान दाई के

महिमा बरनी न जाय।

छत्तीसगढ़ के माटी म

कतको जिनिस समाय।।

बाबा घांसीदास ह गिरौदपुरी म धुनी रमाइस।

छत्तीसगढ़हीन दाई के कोरा…..।।12।।

 


Back to top button