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काबू करे कोरोना | ऑनलाइन बुलेटिन

©मोहनलाल सोनल ‘मनहंस’

परिचय– पाली, राजस्थान


 

 

एक अनजान खौफ से,

सहमा सहमा रहा विश्व का कोना कोना।

विषाणु ने कहर बरपाया ,

बन महामारी  ‘कोरोना’।।

 

कोविड नाइंटिन के नाम ,

से भी इसे पहचानते।

जानवरों से इंसान में,

फैला हुआ मानते।।

 

खतरनाक माना जा रहा क्योंकि,

अभी अभी ही वैक्सीन इजाद हुई।

पुरी दुनिया इससे सहमी सी,

अनजाना खौफ खा रही।।

 

पैदा होना, पनपना हुआ,

माना जा रहा चीन के वुहान प्रांत से।

मांसाहार जहाँ जोर शोर का

प्रकृति के साथ खिलवाड़ ही कहे।।

 

भुन कर खाये जाते जहाँ,

निरीह छोटे बड़े जानवर।

दया, करूणा, ममता जहां मूल्यहीन,

ताजुब्ब होता जानकर।।

 

प्रकृति अपना संतुलन रखने,

कभी कभी कयामत हैं ढाती।

इंसान चाहे माया में उलझकर,

कितनी ही उपर उठाना चाहे ख्याति।।

 

प्रकृति का एक झटका,

इंसान का सारा गुरूर तोडता।

इंसान को एस्ट्रोनॉट सी शक्ल में लाकर,

पिंजरे में कैद कर छोडता।।

 

मामूली  जुखाम ,खांसी,

कायताप बढना शुरूआती लक्षण।

अगर पाजीटीव हो जाये कोरोना,

तो कोरेन्टाइन जरूरी जाता बन।।

 

सावधानियों में स्वस्थता,

यथासंभव संपर्क सावधानी।

मास्क , सेनैटाइजर  उपयोगी

तुरंत चिकित्सकीय सलाह ले,

दिखे कुछ श्वंवाशावरोध निशानी।।

 

भीड भरे स्थानों से भी,

यथासंभव बनाये रखे दूरी।

बचाव ही बडा उपचार ,

समझे यह बात जरूरी।।

‘मनहंस’ कोरोना कहर को कम करने,

शासन संग हम सब कमर कसे।

सावधानी और सजगता से,

कोरोना फैलाव कम से कम पहुंचे।।


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