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कोरोना ल मिल के हराबो | Newsforum

©प्रीतामप्यारे मार्शल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

 

आवा संगी मिलके जम्मो,

        ए बइरी कोरोना ले लड़बो।

सोसल डिस्टेसिंग अऊ मास्क,

        सेनेटाइजर ले नाता जोड़बो।।

 

धरम मानवता के हे बड़े,

नई भागन हम जिम्मेदारी ले।

संसो, फीकर के गोठ नइहे,

जीत के रहिबो महामारी ले।।

 

जहाँ भी जाबो ईमानदारी ले,

        दो गज के दूरी ल अपनाबो।

नई करन लापरवाही संगवारी,

        नई तो फेर पाछू जी पछताबो।।

 

पूछ ले पीरा वोखर ले जेहर,

खोये हे अपन ल कोरोना म।

एक नजर देखे बर तरस जाथे,

जेला पाले हे अपन कोरा म।।

 

बिन पानी के मछली असन,

        कोरोना म झुटत हे जान।

घर ले बिना मतलब के झन,

         निकलव लईका अउ सियान।।

 

आज नून अऊ चटनी म खाके,

परिवार के संग जिनगी बिताबो।

जिंदगानी रही त कल परिवार संग,

छप्पन भोग के खुशी ल जी पाबो।।

 

स्वयं रहिबो सुरक्षीत त तो,

        अपन घर परिवार ल पाबोन।

आज सावधानी बरतबो त,

         कल लइका घलोक खेलाबोंन।।

 

कोरोना वारियर्स मन हमर खातीर,

अपन जान ल जोखिम म डारत हे।

कहना मान माक्स अऊ सेनेटाइजर,

दूरिहा रहे ले ए कोरोना हारत हे ||


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