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आलोचना | Newsforum

©हरीश पांडल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

आलोचना हम

क्यों करें

हम खुद ही कुछ

बेहतर करें

किस क्षेत्र में हम

बद्तर है

क्यों ना वहां हम

मेहनत करें

आलोचना हम

क्यों करें

कमजोरियों का

अपने खुद ही

ढोल हम पीट रहे हैं

उन कमजोरियों

को दूर करना

कहां हम

सीख रहे हैं

हम कमजोर क्यों रहे

हम सफल कैसे होंगे

क्यों ना वह हुनर सींखे

हम आलोचना

क्यों करें

खुद ही कुछ

बेहतर करें

सदियों से हम

चोट खाए हुए हैं

सदियों से दर्द

पाए हुए हैं

जख्मों पर मरहम

लगाने के

तरीके कुछ नहीं

अपनाए हुए हैं

समस्याओं से

निपटने

खुद को हम

सुदृढ़ करें

आलोचना हम

क्यों करें

समय यूं ही बीत

गया है चोट

अपने गानाने में

रास्ते बहुत बताए

बुजुर्गों ने

आजादी पाने के

उनके राहों पर

ना चल सके

समय गंवाए

बहाने बनाने में

छोड सभी

बहानेबाजी वक्त

लगा कुछ पाने में

हारने की

बात भूल जा

लग जा खुद को

जिताने में

यही प्रयास

हम सब करें

आलोचना हम

क्यों करें

खुद ही कुछ

बेहतर करें

आलोचना हम

क्यों करें …


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