उम्मीदें | ऑनलाइन बुलेटिन
©देवप्रसाद पात्रे
परिचय– मुंगेली, छत्तीसगढ़
उम्मीदें, बिखरते रिश्तों को सँवारने की।
उम्मीदें, एक नए विश्वाश की,
उम्मीदें, नव जीवन के आश की।
उम्मीदें, संघर्षों में जीत की।
हिय में सँजोये मनप्रीत की।।
उम्मीदें, एक बूढ़े बाप का अपने बेटों से।
उम्मीदें फ़र्ज़ से भागते अपने कपूतों से।।
उम्मीदें, शहरों में बसे अपने बेटों से।
उम्मीदें, सुखी फसल अपने खेतों से।।
उम्मीदें, घर और अपने परिवारों से।
उम्मीदें, करीबी अपने रिश्तेदारों से।।
उम्मीदें, जब संकटों का पहरा हो।
उम्मीदें, जब अथाह समुंदर गहरा हो।।
ये उम्मीदों की किरण है,
जो इंसान को जीने की
नई राह दिखाती है।
विपरित हालातों से निकल,
नई सांसे दे जाती है।
उम्मीदें, जीवन के गम हरने की।
उम्मीदें, बिखरते जीवन में एक,
नया रंग भरने की।।
उम्मीदें, स्वस्थ्य तन-मन की।
उम्मीदें, स्वस्थ्य-जीवन की।।
उम्मीदें, हंसी-खुशी और राग-रंग की।
उम्मीदें, उजियारा जीवन की।।
उम्मीदें है तो आप हैं, हम हैं।
उम्मीदों के सहारे जीवन है।