अंतस के भाव | ऑनलाइन बुलेटिन
©राजेश श्रीवास्तव राज
परिचय– गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश.
साहित्य जगत की महा ज्योतिपुंज महादेवी वर्मा के जन्मदिवस पर
शब्द, शब्द से विधा लिखा
लेकर अंतस के भाव।
नित लेखनी भी चलती रही
ज्यों आते रहे विचार।
करुणा, ममता, दया लिखा
नाना प्रकार संवाद।
महादेवी जी लिखती रही
अटल सत्य अभिभाव।
शूल कंटक पथ में उनके
आते रहते विवाद।
सत्य, निष्ठा व सद्भाव से
किया युग का उद्धार।
नारी हो नारी को जगाया
क्रांति ज्योति जलाया।
राष्ट्र है आज करता नमन
साहित्य की देवी को।
शत, शत वंदन अभिनंदन
देवी, महादेवी को नमन।