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प्रथम शिक्षा अमात्य | Onlinebulletin

©अशोक कुमार यादव ‘शिक्षादूत’, मुंगेली, छत्तीसगढ़


 

 

शिक्षा जगत के प्रथम राजनेता, महान् स्वतंत्रता सेनानी आज़ाद।

महिला शिक्षा के परम हिमायती, शिक्षाविद् बन शिक्षा दिए आबाद।।

कवि, लेखक, पत्रकार और विद्वान, हिंदू-मुस्लिम एकता के कार्य किए।

पाकिस्तानी सिद्धांत के घोर विरोधी, चले अकेले आज़ादी के झंडा लिए।।

धारासन सत्याग्रह के वीर क्रांतिकारी, भारत छोड़ो आंदोलन के इंकलाबी।

अलगाववादी विचारधारा के विरोधी, अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ नवाबी।।

चक्रवर्ती सुधारवादी का समर्थन मिला, अल हिलाल नवयुवकों को उत्साहित।

गुप्त आयोजनों से जीता महानायक, हिंदू, हिंदुस्तान को करते थे प्रोत्साहित।।

शिक्षा और संस्कृति की दीप जलाए, प्रौद्योगिकी और अनुदान आयोग श्रेय।

सार्वभौम राष्ट्र ज्ञान नीति के मार्गदर्शक, नाटक,साहित्य और ललित कला प्रेय।।

चौदह वर्ष तक आयु के बच्चों के लिए, प्राथमिक शिक्षा निःशुल्क और अनिवार्य।

कौशल अर्जित कर प्रतिभावान बालक, स्वयं रोजगार व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्य।।

भारतीय कृषि हो उन्नत प्रणाली की, रुढ़ी पुरातन पद्धति में हो नव निर्माण।

तकनीकी ज्ञान में हो नवाचार सुधार, देश में जन गरीबी की होगी निर्वाण।।

भारत के अनमोल रत्न है मौलाना, लोगों को मिल रहा है सम अधिकार।

जन-जन में शिक्षा चेतना जागृत किए, युगों-युगों तक नहीं भूलेंगे उपकार।।


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