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घुम्मू | newsforum

©राजेश कुमार मधुकर (शिक्षक), कोरबा, छत्तीसगढ़


 

 

घुम्मू जातेन मन हर करथे

सुघ्घर जगह बने मन हरथे

सबो डहर बने सुख रहिथे

दुनिया घूम मधुकर कहिथे

 

घर के हमन सामान धरतेन

बाहिर म पिकनिक करतेन

लकड़ी हम गाड़ी म भरतेन

बरतन-भाड़ा संग म रखतेन

 

बईठ गाड़ी सब गाना गातेन

दुनिया भर के सुख ल पातेन

घर-परिवार सब घुम्मू जातेन

किसिम किसिम खाई खातेन

 

खाना सब मिल-बाट पकातेन

मया-दुलार ल अपन जतातेन

लईका-सियान उधम मतातेन

सुखी परिवार के मरम बतातेन

 

घर म रहत-रहत होगेन बोर

घुम्मू जातेन कहिथे मन मोर

करतेन खुलके जुरमिल शोर

सब झीन के मन ल झन टोर …


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