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मिला मौका आगे बढ़ने का …

©जबरा राम कंडारा, वरिष्ठ अध्यापक, जालोर, राजस्थान.      

परिचय : शिक्षा- एमए, बीएड, हिंदी व राजस्थानी भाषा में साहित्य, लेख व कविता का प्रकाशन.

कैसा करिश्मा कर गया, संविधान रचाने वाला।

चपरासी से राष्ट्रपति तक, बना दलित का लाला।।

कलम की ताकत के आगे, तलवारें कमजोर हुईं।

कटी दासता की वो रातें, आजादी की भोर हुई।।

सदियों से शोषित पीड़ित रहे, पग-पग पर प्रताड़ित थे।

चेहरे पे रौनक छाई थी, हक पा कर आह्लादित थे।।

सजो-संवरों छूट मिली, मिला हक लिखने-पढ़ने का।

 खुले दरवाजे हर क्षेत्र में, मिला मौका आगे बढ़ने का।।


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